Crime News: पंजाब के पूर्व डीजीपी समेत छह अन्य के खिलाफ अपहरण का एक मामला दर्ज, जानें पूरा मामला
By भाषा | Published: May 7, 2020 09:26 PM2020-05-07T21:26:53+5:302020-05-07T21:26:53+5:30
इस बीच, बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक देवकर शर्मा ने बताया कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी खैरा मोरा नाके से सुबह चार बजे अपनी निजी कार में दो अन्य लोगों के साथ हिमाचल प्रदेश में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे।
चंडीगढ़:पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और छह अन्य के खिलाफ 1991 आतंकवादी हमले के बाद गायब हुए एक व्यक्ति के अपहरण का मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी के अनुसार पंजाब के पूर्व महानिदेशक और अन्य लोगों के खिलाफ बुधवार शाम मोहाली के मातौर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया । उसके अनुसार भादंवि की अपहरण, अपराध और आपराधिक साजिश के सबूतों को गायब करने संबंधी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले के दर्ज होने के कुछ घंटे बाद ही सैनी को हिमाचल प्रदेश पुलिस ने सुबह करीब चार बजे राज्य की सीमा पर रोक दिया।
वह बिना कर्फ्यू पास के हिमाचल प्रदेश में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। कोविड-19 से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान बिना कर्फ्यू पास के कोई भी राज्य में दाखिल नहीं हो सकता। प्राथमिकी के अनुसार बलवंत सिंह मुल्तानी के गायब होने के संबंध में पंजाब के पूर्व डीजीपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मुल्तानी चंडीगढ़ औद्योगिक और पर्यटन निगम में एक कनिष्ठ इंजीनियर थे। उसने बताया कि सैनी पर आतंकवादी हमला होने के बाद बलवंत मुल्तानी को पुलिस ने पकड़ा था।
1991 में सैनी चंडीगढ़ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे। प्राथमिकी के अनुसार सैनी और अन्य छह के खिलाफ जालंधर में रहने बलवंत मुल्तानी के भाई पलविंदर सिंह मुल्तानी ने शिकायत की थी। केन्द्र शासित प्रदेश के पूर्व उप अधीक्षक बलदेव सिंह सैनी, उन निरीक्षक सतबीर सिंह और हर्षोई शर्मा सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ भादंवि की धारा 364,201,344,330 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसके भाई के खिलाफ टाडा, आईपीसी और सशस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। शिकासत में उन्होंने कहा कि बलवंत मुलतानी के कथित तौर पर गुरदासपुर से पुलिस हिरासत से भागने के बाद उसे अपराधी घोषित कर दिया गया था। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि सैनी के खिलाफ मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के पीछे कोई राजनीति नहीं है। मामले में कानून के अपना काम करने की बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है।’’
इस बीच, बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक देवकर शर्मा ने बताया कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी खैरा मोरा नाके से सुबह चार बजे अपनी निजी कार में दो अन्य लोगों के साथ हिमाचल प्रदेश में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। अधिकारी ने बताया कि सैनी सीएच-01-बीडब्ल्यू 0820 पंजीकृत नंबर की गाड़ी में पंजाब सीमा की ओर से आ रहे थे।
शर्मा ने बताया कि बिलासपुर जिले के स्वरघाट में पंजाब-हिमाचल प्रदेश सीमा के पास नाके पर तैनात कर्मियों के पूछताछ करने पर डीजीपी के साथ मौजूद दो अन्य व्यक्ति ने खुद को निरीक्षक और सहायक उप-निरीक्षक बताया। उन्होंने कहा, ‘‘ उनके अनुरोध पर कर्मियों ने नैना देवी के पुलिस उपाधीक्षक को बुलाया, जिन्होंने बाद में मुझे बुलाया और फिर मैंने बिना कर्फ्यू पास के उन्हें राज्य में दाखिल ना होने देने का निर्देश दिया।’’