बिहार-झारखंड में सक्रिय कोयला माफिया नक्सलियों को करते हैं फंडिग, NIA को मिली जानकारी
By एस पी सिन्हा | Published: February 27, 2022 04:10 PM2022-02-27T16:10:31+5:302022-02-27T16:16:23+5:30
नक्सलियों की छत्रछाया में कोयला माफिया कोयला की अवैध खनन का पूरा सिंडिकेट आसानी से चला रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार केवल झारखंड में करीब 20 हजार करोड़ रुपए के अवैध कोयला कारोबार होता है।
पटना:बिहार और झारखंड के कई कोयला माफिया नक्सलियों को फंडिंग करते हैं। इसके साथ ही फंड जुटाने के लिए भाकपा-माओवादी कैडर और जेल में बंद नक्सलियों की भी मदद ली जा रही है. इसके लिए नक्सलियों से जुडे सहयोगी भी लगातार सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। यही कारण है कि नक्सलियों की छत्रछाया में कोयला माफिया कोयला की अवैध खनन का पूरा सिंडिकेट आसानी से चला रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार केवल झारखंड में करीब 20 हजार करोड़ रुपए के अवैध कोयला कारोबार होता है।
बताया जाता है कि रोजाना आउटसोर्सिंग व विभागीय परियोजना से हजारों टन कोयला चोरी कर कोयला तस्कर साइकिल, बाइक, स्कूटर में लोड कर अवैध डिपों, भट्ठा व दामोदर नदी पार कर बंगाल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश भी भेज रहे हैं। इस धंधे में कई बडे पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं, जिसमें पैसे की उगाही का बड़ा हिस्सा नक्सलियों के पास जाता है।
इसके अलावा बिहार और झारखंड के कई जिलों से नक्सलियों को कई लोग खासकर कुछ ठेकेदार भी इन्हें मदद करते हैं। इसके ऐवज में इन्हें ठेकेदारी का भी फायदा मिलता है। ऐसे कई लोग नक्सलियों को नियमित रूप से फंडिंग करते रहते हैं। इन लोगों के बारे में कई अहम जानकारी प्राप्त हुई है।
सूत्रों के अनुसार एनआईए की जांच में यह पता चला है कि कुछ बड़े नक्सली नेता के परिजन फंड जुटाने और इसे नक्सलियों को देने में लगे हुए हैं। इस मामले में भी कुछ लोगों से पूछताछ की जा सकती है। वहीं, पुलिस की संलिप्तता से बडे पैमाने पर कोयला चोरी होने से बीसीसीएल को रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में नक्सली आंदोलन बिहार में काफी सिमट गया है, लेकिन पुराने दौर में बेहद संवेदनशील रहे कुछ जिलों से इसके टेरर फंडिंग के तार आज भी गहराई से जुडे हुए हैं। एनआईए की टीम ने जहानाबाद में सुखदेव नाम के एक व्यक्ति से कई घंटे तक पूछताछ की थी और उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया।
कुछ अन्य लोगों के मोबाइल भी जब्त किये गये हैं। वहीं, सुखदेव के मोबाइल से कई अहम सुराग मिले हैं। इसमें टेरर फंडिंग के लेनदेन से जुड़े कई लोगों के नाम और नंबर भी सामने आये हैं। इसके आधार पर इस सिंडिकेट में शामिल बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिसा, आंध्रप्रदेश के कई नये लोगों के नाम भी सामने आये हैं।
इस मामले में इन सभी संदिग्धों से एनआइए जल्द ही पूछताछ कर सकती है या इनके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकती है। इस मोबाइल से कुछ ऐसे लोगों के भी नाम सामने आये हैं, जिनसे जेल में भी बात होती थी। जेल में बंद जिन कुछ लोगों के नाम सामने आये हैं, उनसे अलग से भी पूछताछ हो सकती है।