प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिविल ठेकेदार ने लिखी चिट्ठी, कहा, 'अधिकारी मनरेगा में काम के बदले मांग रहे 40 फीसदी कमीशन', दर्ज हो गया उल्टा केस
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 15, 2022 06:53 PM2022-05-15T18:53:05+5:302022-05-15T19:05:26+5:30
कर्नाटक के कोपप्ल में एक सिविल ठेकेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर शिकायत की कि सरकारी अधिकारी उससे मनरेगा में काम के बदले 40 फीसदी कमीशन मांमग रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने उल्टे ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
कोप्पल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भ्रष्टाचार मामले की शिकायत करना एक सिविल ठेकेदार को उस समय भारी पड़ा, जब पुलिस ने उल्टा उसी के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक कर्नाटक के कोप्पल में सिविल ठेकेदार येरिस्वामी कुंतोजी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की कि सरकारी अधिकारी उससे मनरेगा के सिविल ठेकों में 40 फीसदी कमीशन की मांग कर रहे हैं।
इसके बाद करातगी तालुक पंचायत के कार्यकारी अधिकारी डी मोहन ने येरिस्वामी कुंतोजी के खिलाफ गंगावती ग्रामीण पुलिस में कथित आपराधिक विश्वासघात के लिए केस दर्ज करवा दिया।
पुलिस ने पंचायत अधिकारी डी मोहन की शिकायत के आधार पर बीते 6 मई को येरिस्वामी कुंतोजी के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 के तहत मामला दर्ज कर दिया।
पुलिस को दी शिकायत में पंचायत अधिकारी मोहन ने कहा कि येरिस्वामी कुंतोजी के द्वारा की गई शिकायत कथित तौर पर 17 अप्रैल 2021 से 17 जून 2021 तक के बीच की हैं और उस दौरान वो चार्ज में नहीं थे।
दरअसल इस मामले में येरिस्वामी ने जो आरोप लगाया है उसके मुताबिक उसकी कंपनी विजयलक्ष्मी एंटरप्राइजेज को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मुस्तूर गांव में सॉलिड वेस्ट यूनिट लगाने के लिए टूल्स की सप्लााई का ठेता दिया गया था।
मोहन के अनुसार गांव के तकनीकी सहायक विष्णु कुमार नाइक को उसके द्वारा किये जाने वाले काम के गुणवत्ता की निगरानी करनी थी और वो उसे पैसों की मांग कर रहे थे।
मामले में पंचायत अधिकारी जी मोहन ने बताया कि काम के बीच में येरिस्वामी ने कभी-कभी कथित तौर पर फोन-पे के जरिये नाइक को कुछ पैसों का भुगतान किया, जो सीघे तौरक पर आपराधिक अविश्वास के दायरे में आता है।
वहीं 3 मई को येरिस्वामी ने मीडिया में इस बात का खुलासा किया कि सरकारी अधिकारी उनसे काम के बदले पैसों की मांग कर रहे हैं। उसके साथ ही उन्हें बताया कि उन्होंने अधिकारियों द्वारा घूस मांगे जाने की बात सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बताई है।
पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में येरिस्वामी ने आरोप लगाया कि अधिकारी सार्वजनिक कार्यों के बदले उनसे 40 प्रतिशत कमीशन काॉी मांग कर रहे हैं।
येरिस्वामी ने आरोप लगाया कि उन्होंने मनरेगा तहत मिले काम के लिए कुल 15 लाख रुपये की सामग्री की आपूर्ति की लेकिन उसके बदले उन्हें केवल 4.8 लाख रुपये मिले है और बाकी बचे पैसों का भुगतान नहीं किया गया है।
ठेकेदार स्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा, "ग्राम पंचायत के पिछले निर्वाचित निकाय ने मुझे काम सौंपा था और उसके बाद आये नए निर्वाचित निकाय के बाद से अधिकारी मुझे काम के भुगतान के बदले 40 प्रतिशत कट मांग रहे हैं।" इसके साथ ही येरिस्वामी ने कहा कि वह मनरेगा का काम तो पूरा कराएंगे लेकिन घूस के तौर पर कोई राशि नहीं देंगे।
अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद येरिस्वामी ने कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा और कालाबुरागी के क्षेत्रीय आयुक्त को लिखा था उसके बाद भी उनके खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 406 के तहत मामला दर्ज किया है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)