देश में पहली बार रेप के आरोपी को फांसी की सजा का ऐलान! टीचर ने रेप कर 4 साल की बच्ची को छोड़ा था अधमरा

By पल्लवी कुमारी | Published: February 5, 2019 01:03 PM2019-02-05T13:03:03+5:302019-02-05T13:03:03+5:30

मध्यप्रदेश: आरोपी महेन्द्र सिंह गोंड ने 30 जून 2018 की रात चार साल की बच्ची को अगवा किया था। उसके बाद वह उसे जंगल में ले गया और वहां ले जाकर रेप किया।

Child rapist will be first to hang under India’s pasco act new law in MP Jabalpur | देश में पहली बार रेप के आरोपी को फांसी की सजा का ऐलान! टीचर ने रेप कर 4 साल की बच्ची को छोड़ा था अधमरा

देश में पहली बार रेप के आरोपी को फांसी की सजा का ऐलान! टीचर ने रेप कर 4 साल की बच्ची को छोड़ा था अधमरा

Highlightsआरोपी के ऊपर धारा 376 (क, ख) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है।30 जून के बाद दो जुलाई 2018 को तड़के बच्ची गंभीर हालत गांव के पास ही सुनसान इलाके में झाड़ियों में मिली थी।

मध्यप्रदेश के सतना जिले की एक कोर्ट ने चार वर्षीय बच्ची के साथ रेप करने के आरोप में 28 वर्षीय सरकारी गेस्ट टीचर को डेथ वॉरंट(फांसी) जारी कर दिया है। यह वारंट जबलपुर के केन्द्रीय जेल को भेजा गया है। दो मार्च को इस शिक्षक को फांसी पर लटकाने की तिथि तय की गई है। रेप के आरोपी टीचर ने लड़की के साथ इस हैवानियत से रपे किया था कि उसको मल्टीपल सर्जरी कराने पड़े थे। 

सुप्रीम कोर्ट अगर इस फैसले पर रोक नहीं लगाती है तो देश के नए पास्को एक्ट के तहत ये रेप के मामले में फांसी की पहली सजा होगी। आरोपी के पास उसके लिए अपनी फांसी को रूकवाने के वास्ते सुप्रीम कोर्ट में जाने के साथ-साथ राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पेश करने के विकल्प अब भी खुले हुए हैं।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट मृत्युदंड की सजा बरकरा रखा

सतना जिले की नागौद कोर्ट के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने चार वर्षीय बच्ची का अपहरण कर रेप करने के मामले में महेंद्र सिंह गोंड को दोषी करार देते हुए 19 सितंबर को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी, जिसे मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 25 जनवरी को बरकरार रखा।

जबलपुर केन्द्रीय जेल के विधि अधिकारी अशोक सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, ''रेप के दोषी पाये गये महेन्द्र सिंह गोंड को फांसी पर लटकाने का वारंट सुनवाई अदालत से ई-मेल के जरिए जबलपुर केन्द्रीय जेल को मिला है। वारंट के मुताबिक 2 मार्च 2019 की तारीख उसे फांसी पर लटकाने के लिए तय की गई है।'' 

विकल्प खत्म होने के बाद आरोपी महेन्द्र सिंह गोंड को दी जाएगी फांसी

आरोपी महेन्द्र सिंह गोंड सुनाई गई फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने आरोपी महेन्द्र सिंह गोंड को इस बात के लिए आश्वासन दिया है कि उसके सारे विकल्प खत्म हो जाएंगे तभी ही उसको फांसी दी जाएगी। आरोपी महेन्द्र सिंह गोंड की याचिका अगर सुप्रीम कोर्ट खारिज कर देता है तो वह  राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पेश कर सकते हैं। 

आरोपी के ऊपर धारा 376 (क, ख) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। धारा 376 (क ख) में 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ मृत्युदंड का प्रावधान हाल ही में किया गया है। इसके अलावा, अदालत ने महेंद्र को भादंवि की धारा 363 के तहत 7 साल सश्रम कारावास और 5,000 रूपये के अर्थदंड की सजा भी सुनाई थी।

क्या था पूरा मामला 

आरोपी महेन्द्र सिंह गोंड ने 30 जून 2018 की रात चार साल की बच्ची को अगवा किया था। उसके बाद वह उसे जंगल में ले गया और वहां ले जाकर रेप किया। रेप के बाद बच्ची को आरोपी ने झाड़ियों के पीछे ये सोचकर फेंक दिया कि वो मर गई है। महेन्द्र सिंह गोंड ने 30 जून 2018 की रात जब बच्ची को अगवा किया था, तब वह घर के बाहर सो रही थी। रेप की घटना सतना जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर उचेहरा थाना क्षेत्र के पन्ना गांव की है। 

30 जून के बाद दो जुलाई 2018 को तड़के बच्ची गंभीर हालत गांव के पास ही सुनसान इलाके में झाड़ियों में मिली थी और उसी दिन महेंद्र गोंड को गिरफ्तार कर लिया गया था। राज्य सरकार ने उसे तुरंत एक चार्टर्ड विमान से इलाज के लिए पीड़िता को एम्स दिल्ली भेज दिया। स्कूल टीचर को सजा दिलाने के लिए पीड़ित बच्ची के विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान लिए गए।

Web Title: Child rapist will be first to hang under India’s pasco act new law in MP Jabalpur

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