बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने बैंक मैनेजर को गिरफ्तार किया
By एस पी सिन्हा | Published: August 25, 2022 04:27 PM2022-08-25T16:27:41+5:302022-08-25T16:30:02+5:30
वर्ष 2017 में सृजन घोटाले का खुलासा हुआ था। घोटालेबाजों ने विभिन्न सरकारी विभागों के बैंक खाते से जालसाजी के तहत करोड़ों की राशि की हेराफेरी की। सीबीआई ने आज भागलपुर से को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
पटना: बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने आज भागलपुर से को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। कल ही इस घोटाले में कई लोगों के संलिप्त होने का खुलासा हुआ था। जिसके बाद आज सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। आज सुबह-सुबह सीबीआई के अधिकारी भागलपुर पहुंचे। टीम ने सबसे पहले बांका में तैनात को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ कर रही है। हाल के दिनों में सीबीआई की छपेमारी तेज हो गई है।
बताया जाता है कि गिरफ्तारी के समय 66 वर्षीय अशोक गुप्ता ने खुद को बीमार बताया। इसके बाद करीब 11.30 बजे सीबीआई उन्हें लेकर सदर अस्पताल गई और उनका मेडिकल चेकअप कराया। बता दें कि 900 करोड़ रुपये का सृजन घोटाला 2017 में उजागर हुआ था। तब से लेकर आज तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही कई लोगों की अवैध संपत्ति को सरकार ने जप्त भी किया। इसी बाबत आज बांका के कॉपरेटिव बैंक के अधिकारी अशोक कुमार को भी सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई लगातार मामले से जुडे़ तमाम पहलुओं की जांच कर रही थी और अब साक्ष्य के आधार पर यह गिरफ्तारी की गई है। सीबीआई कोर्ट ने पहले ही आदेश जारी कर निर्देश दिया था कि सृजन घोटाला मामले में जुड़े सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
उल्लेखनीय है कि सृजन घोटाला में सीबीआई ने बांका की तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी जयश्री ठाकुर, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी कार्यालय के सहायक मो. अनीस अंसारी, बैंक ऑफ बडौदा, भागलपुर शाखा के तत्कालीन प्रबंधक नवीन कुमार साहा, सहायक शाखा प्रबंधक संत कुमार सिन्हा, शाखा प्रबंधक सुजीत कुमार श्रीवास्तव, इंडियन बैंक के सहायक शाखा प्रबंधक दिवाकर तिग्गा, सहायक प्रबंधक हरकिशन अड़क, शाखा प्रबंधक विजय कुमार शर्मा, सहायक बालमुकुंद यादव, सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की प्रबंधक सरिता झा तथा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अनुमंडलीय अंकेक्षक (ऑडिटर) सतीश कुमार झा के खिलाफ भारतीय दंड विधान तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में दायर किया था।