बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का 'स्वागत वीडियो' हुआ वायरल तो शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी ने कहा, हत्यारों को दोबारा भेजो जेल
By भाषा | Published: August 26, 2019 05:18 PM2019-08-26T17:18:18+5:302019-08-26T17:18:18+5:30
बुलंदशहर हिंसा: पिछले साल दिसंबर में बुलंदशहर में स्याना इलाके के चिंगरावठी क्षेत्र में कथित गोकशी को लेकर उग्र भीड़ की हिंसा हुई थी। जिसमें इंसपेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी। मामले में यूपी पुलिस ने 38 लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें से 6 आरोपी शनिवार को ही जेल से बेल पर छूट कर बाहर आए हैं।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिछले साल दिसम्बर में हुई हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर के परिजन ने वारदात के आरोपियों के जमानत पर रिहा होने पर उनके फूलमालाओं से स्वागत का वीडियो वायरल होने के बाद सरकार से ऐसे अराजक तत्वों को सलाखों के पीछे ही रखने की मांग की है। रविवार को सामने आये वीडियो में बुलंदशहर हिंसा के अभियुक्तों शिखर अग्रवाल और जीतू फौजी का फूल माला पहनाकर स्वागत किये जाने और जश्न के माहौल में उनके समर्थकों को नारे लगाते देखा जा सकता है।
पिछले साल तीन दिसम्बर को बुलंदशहर के महाव गांव के पास कथित रूप से प्रतिबंधित पशुओं के कंकाल बरामद होने के बाद हुई हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के परिजन ने इस वीडियो पर सख्त एतराज जताया है। सिंह के बेटे श्रेय सिंह ने कहा कि ऐसे अपराधी तत्वों को सलाखों के पीछे ही रखना ठीक है। ''मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह करता हूं कि इन अपराधियों को समाज के हित में जेल में ही रखा जाना चाहिये। मेरा मानना है कि ऐसे लोगों का बाहर रहना ना सिर्फ मेरे लिये बल्कि दूसरे लोगों के लिये भी खतरनाक है।''
Wife of Late Inspector Subodh Singh (who was killed last year in #BulandshahrViolence) on 6 accused persons in #BulandshahrViolence case getting bail:This judgement has saddened me. On what basis this judgement has been given. I demand from CM that their bail should be cancelled. pic.twitter.com/rCl9dGNuuB
— ANI UP (@ANINewsUP) August 26, 2019
शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी ने भी सवाल किया कि क्या ऐसे अपराधियों को महज छह महीने के अंदर आजाद कर देना उचित है? इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का स्वागत किये जाने की घटना से सत्तारूढ़ भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसी के समर्थक और रिश्तेदार जेल से छूटने पर उसका स्वागत करते हैं तो इससे सरकार और भाजपा का क्या लेना-देना है? विपक्ष को ऐसी चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिये। गौरतलब है कि पिछले साल तीन दिसम्बर को बुलंदशहर के महाव गांव के पास गोवंशीय पशुओं के कंकाल बरामद होने पर भड़की भीड़ की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गयी थी। इस मामले के छह आरोपियों को अदालत ने शनिवार को जमानत पर रिहा कर दिया था।
#WATCH Bulandshahr: Six accused persons in the #BulandshahrViolence case in which Inspector Subodh Kumar was killed last year, were welcomed with garlands after they were released on bail, yesterday. pic.twitter.com/PtuR2eHBsh
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2019