बिहार के सुपौल जिले में धर्मांतरण कराते पादरी को लोगों ने पकड़ा, किया पुलिस के हवाले
By एस पी सिन्हा | Published: September 18, 2021 08:42 PM2021-09-18T20:42:23+5:302021-09-18T20:43:11+5:30
सुपौल में इस महीने धर्म परिवर्तन की ये तीसरी घटना सामने आई है. इससे पूर्व भीमपुर ओपी अंतर्गत एक हिन्दू महिला को जबर्दस्ती र्मपरिवर्तन कराने का मामला आया था.
पटना: बिहार में सुपौल जिले के राजेश्वरी ओपी इलाके के कंजारा गांव में बडे पैमाने पर धर्मांतरण का मामला सामने आया है. यहां एक पादरी के द्वारा बडे पैमाने पर धर्मांतरण कराया जा रहा था.
इसके बाद लोगों ने पादरी को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया. बताया जा रहा है कि पादरी कुछ महीने पहले तक हिन्दू था और सुपौल शहर में होटल चलाने का काम करता है. लेकिन बीते दिनों उसने ईसाई धर्म कबूल कर लिया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पादरी ने करीब 30 हिन्दू परिवारों का धर्म परिवर्तन करा कर उन्हें ईसाई धर्म का बना दिया है. वहीं, पुलिस को सुपर्द किया गया पादरी दावा करता है कि प्रभु की प्रार्थना से कई जटिल बीमारी ठीक हो जाती है. उसकी भी गंभीर बीमारी प्रभु की प्रार्थना के बाद ठीक हुई, इसलिए उसने धर्म परिवर्तन कर लिया.
पादरी का नाम रवि गुप्ता, भेलाही इलाके का रहने वाला
वहीं, लोगों का कहना है कि पादरी का नाम रवि गुप्ता है और वह सुपौल नगर परिषद के भेलाही इलाके का रहने वाला है. इसके साथ ही लोगों ने मधेपुरा के रहने वाले श्याम सुंदर मंडल को भी पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है.
इस मामले में राजेश्वरी ओपी प्रभारी रामशंकर कुमार ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा सूचना दी गई कि दो युवक लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उसकाते हुए पकड़े गए हैं, जिसके बाद वे दल बल के साथ वहां पहुंचे और ग्रामीणों के चंगुल से दोनों को छुडा कर थाना ले आए. अब तक इन लोगों के खिलाफ कोई आवेदन नहीं दिया गया है. लेकिन पुलिस अपनी तरफ से जांच कर रही है.
इस महीने धर्म परिवर्तन की ये तीसरी घटना
सुपौल में इस महीने धर्म परिवर्तन की ये तीसरी घटना सामने आई है. इससे पूर्व भीमपुर ओपी अंतर्गत एक हिन्दू महिला को जबर्दस्ती दो महीने तक अपहरण कर प्रतिबंधित मांस खिलाकर धर्मपरिवर्तन कराने का मामला आया था.
वहीं, दूसरी घटना सरायगढ प्रखंड अंतर्गत पिपरा खुर्द गांव की है, जहां प्रलोभन देकर 20 से 25 परिवार को धर्मांतरण कराने का मामला प्रकाश में आया था.
बिहार में बढ़ रही धर्मांतरण की घटनाओं पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. आरएन सिंह ने कहा कि इस पर रोक के लिए व्यापक कानून बनाए जाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि विगत 17 जुलाई को फरीदाबाद में आयोजित विहिप की राष्ट्रीय बैठक में मुख्य रूप से दो प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसे सरकार के ध्यानार्थ भेजा गया है.
डा.सिंह ने कहा कि लिये गये फैसले में पहला यह है कि मतांतरण पर रोक के लिए व्यापक कानून बने और दूसरा कि मठ-मंदिरों का सरकारीकरण बंद हो. मठ-मंदिरों की जो आमदनी होती है वह सरकार ले लेती है, जिसे दूसरे धर्मों पर खर्च कर दिया जाता है. वह पैसा वहीं रहे. बडे-बडे मंदिरों पर जो चढावा आवे वह वहीं रहे, वहां समिति बना दिया जाए, भले सरकारी नियंत्रण रहे, इस पर न कोई आपत्ति है और न ही कोई समस्या है. लेकिन उस आमदनी से उस मंदिर का कार्य हो, वेद-पाठशाला खुले, भंडारा हो. उन्होंने कहा कि ये राशि मंदिर के जीर्णोद्धार में काम आवे.