बांका में शराब के कारण रुकी आदिवासी युवती का शादी, रस्म अदायगी से पहले ही पुलिस ने प्रधान को भेजा जेल
By एस पी सिन्हा | Published: April 7, 2021 07:23 PM2021-04-07T19:23:36+5:302021-04-07T21:44:24+5:30
बिहार में बांका जिले के बौंसी थाना क्षेत्र लौंगाय पंचायत के कुशाहा गांव का मामला है. बिहार में शराबबंदी है.आदिवासी परंपरा के अनुसार देवी-देवताओं को शराब चढ़ाया जाता है.
पटनाः बिहार में शराबबंदी कानून की वजह से एक आदिवासी परिवार की शादी टूटने के कगार पर पहुंच गई है.
वह ऐसी स्थिति में जबकि घर आई बारात बगैर शादी की रस्म अदा किए चुपचाप वहां बैठी हुई है. यह घटना घटी है बांका जिले के बौंसी थाना क्षेत्र लौंगाय पंचायत में. दरअसल, आदिवासी समाज की कथित मान्यता के अनुसार शादी की रस्म अदायगी की जानी थी. आदिवासी परंपरा के अनुसार देवी-देवताओं को शराब चढ़ाया जाता है.
इस रस्म की अदायगी गांव के प्रधान के द्वारा किया जाता है. लेकिन इसके पहले ही पुलिस ने छापेमारी कर शराब के साथ गांव के प्रधान को जेल भेज दिया. इस कानूनी उलझन के बीच उलझकर एक आदिवासी युवती की शादी रुक गई. बताया जाता है कि दिनेश मूर्मू की बहन बासमती मुर्मू की शादी बौंसी थाना क्षेत्र के शोभा गांव निवासी अरविंद मरांडी के साथ तय हुई थी.
पांच अप्रैल को निर्धारित तिथि पर बरात गांव भी आई. आदिवासी परंपरा के अनुसार गांव के प्रधान गोपाल सोरेन को ही शादी के सारे रस्म को पूरा करना था. इसी दौरान वहां पुलिस आ पहुंची और घर से शराब मिलने के आरोप में गांव के प्रधान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बिना प्रधान के आदिवासी समुदाय में शादी का रस्म नहीं होता है. इस कारण रस्म पूरी नहीं हो पाई और शादी रुक गई.
लगभग दो लीटर शराब घर में रखा गया था. लेकिन पुलिस के अनुसार 13 लीटर शराब बरामद हुआ. कहा जा रहा है कि प्रधान के आने के बाद ही शादी होगी. दुल्हे के साथ बराती गांव में डेरा डाले हुए हैं. परंपरा के अनुसार शादी के बाद ही दुल्हा अपनी दुल्हन को लेकर गांव में प्रवेश कर सकता है या फिर युवती को विधवा घोषित करना होगा. शादी रुक जाने से लड़की के पिता भी बेचैन हैं.
इस मामले को लेकर थाना क्षेत्र के लौंगाय पंचायत के कुशाहा गांव निवासी दिनेश मुर्मू पिता रसिकलाल मुर्मू ने डीएम, एसपी, स्थानीय बीडीओ व थाना को आवेदन देकर अपनी बहन की शादी करवाने की मांग की है. आदिवासी समाज के महिला व पुरुषों ने प्रखंड कार्यालय पहुंचकर मामले की शिकायत बीडीओ अभिनव भारती से की. दर्जनों लोगों ने न्याय की गुहार लगाई है.
वहीं पूर्व विधान पार्षद संजय कुमार से भी मिलकर इस मामले में सहयोग का अनुरोध किया गया है. इस संबंध में बीडीओ अभिनव भारती ने कहा कि पीड़ित का आवेदन प्राप्त हुआ है. मामले की जानकारी ज्लाधिकारी को दी गई है. चूंकि मामला न्यायालय के अधीन है. ऐसे में किसी भी तरह का हस्तक्षेप असंभव है. वहीं थानाध्यक्ष महेश्वर प्रसाद राय ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
कहा कि शराबबंदी को क्षेत्र में शत प्रतिशत लागू करने के लिए पुलिस कटिबद्ध है. इसी आलोक में एंटी लिकर टीम के इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में गत सोमवार को गांव में छापामारी कर प्रधान के घर से 13 लीटर महुआ शराब बरामद किया गया. उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में बांका जेल भेज दिया गया है.
इसबीच जिले के प्रभारी एसपी संजय कुमार ने बताया कि शराबबंदी कानून का कडाई से पालन किया जा रहा है. शराबबंदी एक्ट में किसी जाति विशेष के लिए अलग से कोई प्रावधान नही है. कानून सबके लिए बराबर है. शादी होने व रुकने का मामला उनका निजी मामला है. कानून के तहत पुलिस अपना काम कर रही है.
वहीं, पूर्व विधान पार्षद संजय कुमार ने कहा कि धार्मिक परंपरा के साथ खिलवाड करना पुलिस की मनमानी है. बेटी की शादी रुक गई जो काफी दु:खद है. थानाध्यक्ष मनमानी पर उतरे हुए हैं. आदिवासी समाज अपनी धार्मिक परंपराओं को निभाते हैं. इसके अंतर्गत देवी-देवताओं को भोग के स्वरूप दारू चढ़ाते हैं.