देश में अब तक का सबसे बड़ा डेटा लीक! 81.5 करोड़ भारतीयों का विवरण लीक होने का खतरा, जानें मामला

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 30, 2023 05:13 PM2023-10-30T17:13:48+5:302023-10-30T17:15:06+5:30

आईसीएमआर फरवरी से कई साइबर हमले के प्रयासों का सामना कर रहा है और केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ परिषद को भी इसकी जानकारी थी। पिछले साल आईसीएमआर सर्वर को हैक करने की 6,000 से अधिक कोशिशें की गईं।

biggest data leak case details of 81.5 crore Indians with ICMR are on sale | देश में अब तक का सबसे बड़ा डेटा लीक! 81.5 करोड़ भारतीयों का विवरण लीक होने का खतरा, जानें मामला

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsआईसीएमआर के पास कोविड-19 टेस्ट कराने वाले 81.5 करोड़ भारतीयों का विवरण उपलब्ध है जानकारी सामने आई है कि इस पूरे डेटा के लीक होने का खतरा है केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर सकती है

नई दिल्ली:  भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पास कोविड-19 टेस्ट कराने वाले 81.5 करोड़ भारतीयों का विवरण उपलब्ध है। अब एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि इस पूरे डेटा के लीक होने का खतरा है। इसे देश में अब तक का सबसे बड़ा डेटा लीक मामला माना जा रहा है। घटना की गंभीर प्रकृति को देखते हुए आईसीएमआर द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद भारत की प्रमुख एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर सकती है।

क्या है मामला

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हैंडल वाले एक 'थ्रेट एक्टर' ने डार्क वेब पर ब्रीच्ड फोरम में डेटाबेस का विज्ञापन किया है जिसमें 81.5 मिलियन भारतीय नागरिकों के रिकॉर्ड शामिल हैं। इसमें भारतीय नागरिकों के नाम, फोन नंबर और पते के साथ आधार और पासपोर्ट की जानकारी शामिल है। 'थ्रेट एक्टर' ने दावा किया कि नागरिकों के कोविड-19 परीक्षण विवरण से निकाला गया डेटा आईसीएमआर से प्राप्त किया गया था।

न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुकाबिक आईसीएमआर फरवरी से कई साइबर हमले के प्रयासों का सामना कर रहा है और केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ परिषद को भी इसकी जानकारी थी। पिछले साल आईसीएमआर सर्वर को हैक करने की 6,000 से अधिक कोशिशें की गईं। सूत्रों ने कहा कि एजेंसियों ने आईसीएमआर से किसी भी डेटा लीक को रोकने के लिए उपचारात्मक कार्रवाई करने को भी कहा है।

रिपोर्ट के अनुसार इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने आईसीएमआर को उल्लंघन के बारे में सूचित किया है और बताया है कि बिक्री के लिए डार्कवेब पर उपलब्ध  नमूना डेटा के सत्यापन के बाद पता चला है कि यह  आईसीएमआर के वास्तविक डेटा से मेल खाता है। इसके बाद सभी एजेंसियों को जांच में शामिल किया गया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विभिन्न एजेंसियों और मंत्रालयों के सभी शीर्ष अधिकारियों को इसमें शामिल किया गया है।

चूंकि लीक में विदेशी अपराधी शामिल हैं इसलिए इसकी जांच किसी प्रमुख एजेंसी से कराना महत्वपूर्ण होगा। मामले के सामने आने के बाद  क्षति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक एसओपी का पालन किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि डाटा कहां से लीक हुआ है क्योंकि  कोविड -19 परीक्षण डेटा के कुछ हिस्से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे जाते हैं।

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