भदोहीः इंस्पेक्टर पर दर्ज हुआ हत्या का मुकदमा, पुलिस की पिटाई से थाने में हुई थी ऑटो चालक की मौत

By आदित्य द्विवेदी | Published: July 2, 2018 02:40 PM2018-07-02T14:40:46+5:302018-07-02T14:40:46+5:30

मामूली विवाद के बाद थाने में ऑटो चालक रामजी मिश्रा की पिटाई की गई थी जिससे उनकी मौत हो गई। बेटियों ने इंसाफ की गुहार लगाई तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए।

Bhadohi Lock-up death Follow up updates: murder case registered on the Inspector | भदोहीः इंस्पेक्टर पर दर्ज हुआ हत्या का मुकदमा, पुलिस की पिटाई से थाने में हुई थी ऑटो चालक की मौत

भदोहीः इंस्पेक्टर पर दर्ज हुआ हत्या का मुकदमा, पुलिस की पिटाई से थाने में हुई थी ऑटो चालक की मौत

भदोही, 2 जुलाईः भदोही जिले के गोपीगंज थाने में एक व्यक्ति की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक शचीन्द्र पटेल ने सोमवार को बताया कि गत 29 जून को अपने भाई के साथ हुए विवाद के मामले में थाने बुलाये गये राम जी मिश्रा नामक व्यक्ति की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल ले जाते वक्त हुई मौत के मामले में मृतक की बेटी रेनू की तहरीर पर कल देर रात तत्कालीन थानाध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। जांच किसी तरह प्रभावित ना हो, इसलिए गोपीगंज के इन्स्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

रेनू ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है कि शुक्रवार (29 जून) की सुबह जमीन के आपसी विवाद को लेकर उसके पिता राम जी मिश्रा और चाचा अशोक मिश्रा गोपीगंज थाने पहुंचे थे। इस दौरान प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने उसके पिता को बेइंतहा मारा-पीटा, जिसकी वजह से हवालात में ही उनकी मौत हो गयी।

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हालांकि पुलिस का कहना है कि राम जी और उनके सगे भाई की बीच विवाद के निस्तारण के लिये दोनों भाइयों को थाने बुलाया गया था। इसी बीच, राम जी चक्कर आने के कारण बेहोश हो गये। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु होने की बात कही गयी है। साथ ही यह भी कहा गया है कि शव पर मारने पीटने के कोई निशान नहीं मिले हैं। राम जी मिश्रा को हाई ब्लड प्रेशर का मरीज बताया गया है।

मालूम हो कि इस घटना के बाद 30 जून को परिजन तथा अन्य लोगों द्वारा सड़क जाम ,धरना प्रदर्शन और पुलिस पर राम जी की हत्या किये जाने के आरोप लगाये जाने को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद ने इसकी जांच अपर जिला मजिस्ट्रेट राम सिंह वर्मा को सौंपी है।

बेटी की गुहार से हर किसी की आंखे नम

रामजी मिश्र की आर्थिक स्थिति नहीं थी। घर में पत्नी कंचन मिश्रा के अलावा तीन बेटियां (दीपाली, रेनू और गुड्डी) और एक बेटा ओम है। सभी का भरण-पोषण ऑटो चलाकर करते थे। पिता की मौत से बच्चे अनाथ हो गए। बड़ी बेटी दीपाली की इंसाफ की करुण पुकार सुनकर सभी का आंखें नम हो गई। दीपाली ने बताया, 'मेरे पिता और चाचा थाने में विवाद सुलझाने गए थे। तभी पुलिस वालों ने मेरे चाचा को दो-तीन थप्पड़ मारे और मेरे पिता को भी पीटने लगे। उन्हें गंदी-गंदी गालियां दी और जेल के अंदर ले गया। उसके बाद उनके साथ क्या हुआ हमें नहीं पता। लॉक-अप में उनको कोई देखने वाला भी नहीं था। पुलिस ने हमें अनाथ कर दिया। हम हम कहां जाएंगे। कोई हमारी मदद करने वाला नहीं है।'

क्या है पूरा मामला?

रामजी मिश्रा का अपने सगे भाई से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। शुक्रवार (29 जून) को दोनों अपना विवाद सुलझाने परिवार समेत थाने पहुंचे। रामजी मिश्रा की बेटी विवाद लेकर थाने पहुंचे। गोपीगंज थाने में ना सिर्फ रामजी मिश्रा को पीटा बल्कि थाने में भी बंद कर दिया। लॉक अप में मौत के बाद गोपीगंज थाने में तैनात पुलिस कर्मियों के हाथ पांव फूल गए। पत्नी, बेटी मारने का आरोप लगाते रहे। पुलिस ने मृतक के भाई से लिखवा लिया कि रामजी की लॉक-अप में मौत नहीं हुई है।

PTI-Bhasha Inputs

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Web Title: Bhadohi Lock-up death Follow up updates: murder case registered on the Inspector

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