अलवर: 7 माह की बच्ची से रेप, 22 दिनों के भीतर कोर्ट ने सुनाई आरोपी को मौत की सजा
By भाषा | Published: July 22, 2018 02:03 AM2018-07-22T02:03:51+5:302018-07-22T02:03:51+5:30
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक ओ. पी. गल्होत्रा ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देने की यह प्रदेश में पहली कार्रवाई है। 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में कठोर सजा देने के लिए 21 अप्रैल को यह दण्ड विधि संशोधन अस्तित्व में आया था।
जयपुर, 22 जुलाई: अलवर जिले के विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित-जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण) जगेन्द्र अग्रवाल ने पॉक्सो एक्ट के तहत अलवर जिले के लक्ष्मणगढ क्षेत्र में एक बच्ची से दुष्कर्म करने के दोषी 19 वर्षीय पिन्टू को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई है।
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक ओ. पी. गल्होत्रा ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देने की यह प्रदेश में पहली कार्रवाई है। 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में कठोर सजा देने के लिए 21 अप्रैल को यह दण्ड विधि संशोधन अस्तित्व में आया था।
पुलिस महानिरीक्षक (जयपुर रेंज) हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि अलवर के लक्ष्मणगढ क्षेत्र में गत 9 मई को एक मासूम के साथ पिंटू ने दुष्कर्म किया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मात्र 27 दिन में 6 जून को पोक्सो और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत चालान पेश कर दिया।।
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न्यायाधीश जगेन्द्र अग्रवाल ने इस मामले में 12 पेशियां लगाते हुए 22 अदालती दिवसों में सुनवाई पूरी की। अन्तिम बहस 17 जुलाई को सुनी और 18 जुलाई को आरोपी को मात्र 70 दिन में दोषी करार देकर निर्णय के लिये 21 जुलाई तय की थी। न्यायाधीश ने आज आरोपी को मुत्युदण्ड की सजा सुना दी। लक्ष्मणगढ थानाधिकारी प्रहलाद राय ने बताया कि अदालत ने दोषी पिंटू को भारतीय दंड संहिता की धारा 363,366ए, 376एबी , एवं पॉक्सो का दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई है।
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