वानखेड़े के परिवार में सभी मुस्लिम हैं, हिंदू होते तो निकाह ही नहीं होता; समीर को निकाह पढ़ाने वाले मौलवी का दावा
By अनिल शर्मा | Published: October 28, 2021 09:16 AM2021-10-28T09:16:58+5:302021-10-28T09:37:53+5:30
निकाह को लेकर समीर के पिता ने कहा कि निकाह नामा सही है। और मेरे बेटे की शादी सही है। डॉक्टर शबाना कुरैशी से शादी हुई और निकाह नामे में हम भी थे। और निकाह तभी होता है जब दो लोग एक ही जाति के हों। मेरे बेटे ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की।
मुंबईः समीर वानखेड़े को निकाह पढ़वाने वाले मौलवी काजी मुजम्मिल अहमद ने कहा कि ये निकाह नामा सही है और मेरे दस्तखत भी सही है। मैंने ही निकाह पढ़वाया था। और उस वक्त समीर, शबाना, इनके पिता और पूरा खानदान सब मुसलमान थे।
नवाब मलिक द्वारा समीर के मुसलमान होने के दावे पर मुहर लगाते हुए काजी ने आगे कहा कि अगर ये जाहिर होता कि समीर हिंदू हैं तो हमारी शरीयत में ये निकाह ही नहीं होता। और काजी शरीयत के खिलाफ निकाह नहीं पढ़ाता। मामला जब तय हो जाता है तो काजी 15 मिनट में निकाह पढ़ाकर चला आता है। पूरे इस्लामी तौर-तरीके से शादी हुई और वहां गवाह, वकील और मौजूद सभी मुसलमान थे।
वहीं काजी के दावे को लेकर जब समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं 15 दिन से यही कहते आ रहा हूं कि मैं मुस्लिम नहीं हूं। मैं हिंदू हूं और मेरा नाम ज्ञानवेद वानखेड़े है। नवाब मलिक निकाह नामा लगाकर मेरी जाति धर्म को निकाल रहे हैं, इनका ड्रग्स से क्या लेना-देना है।
निकाह को लेकर समीर के पिता ने कहा कि निकाह नामा सही है। और मेरे बेटे की शादी सही है। डॉक्टर शबाना कुरैशी से शादी हुई और निकाह नामे में हम भी थे। और निकाह तभी होता है जब दो लोग एक ही जाति के हों। मेरे बेटे ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की।
गौरतलब है कि नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि समीर दलित कोटे से सरकारी अधिकारी बने हैं। नवाब मलिक ने कहा कि जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि जो कागजात हमने डाले हैं वे असली हैं। ये सरकारी कार्यालय का दस्तावेज है। उसे गौर से देखा जाए तो 20 साल के बाद उसे टैंपर करके एक सर्कल लगाकर स्टार बनाया गया और नाम का खेल खेला गया। समीर दाऊद वानखेड़े ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर दलित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और सरकारी नौकरी प्राप्त की।