दिल्ली हाईकोर्ट ने दिए निर्देश, कहा- लॉकडाउन के बीच यूपी में आत्मसमर्पण कर सकता है आरोपी

By भाषा | Published: May 14, 2020 08:27 PM2020-05-14T20:27:38+5:302020-05-14T20:27:38+5:30

धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी व्यक्ति को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अनुमति दी है कि अगर कोविड-19 से निपटने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण वह राष्ट्रीय राजधानी आने में सक्षम नहीं है, तो वह उत्तर प्रदेश में जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर सकता है।

Accused not able to come to Delhi due to lockdown, court allows surrender in UP | दिल्ली हाईकोर्ट ने दिए निर्देश, कहा- लॉकडाउन के बीच यूपी में आत्मसमर्पण कर सकता है आरोपी

कोविड-19 से निपटने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश में फंसा है और दिल्ली नहीं आ पा रहा है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsन्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने कहा कि अगर आरोपी ने उत्तर प्रदेश में जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं किया जो उसे रेल या सड़क मार्ग से दिल्ली आकर तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करना होगा।आरोपी ने अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिये याचिका दायर करते हुए कहा था कि कोविड-19 से निपटने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश में फंसा है और दिल्ली नहीं आ पा रहा है।

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी व्यक्ति को अनुमति दी है कि अगर कोविड-19 से निपटने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण वह राष्ट्रीय राजधानी आने में सक्षम नहीं है, तो वह उत्तर प्रदेश में जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर सकता है। इससे पहले सत्र अदालत ने उसकी अंतरिम जमानत रद्द कर दी थी। 

न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने कहा कि अगर आरोपी ने उत्तर प्रदेश में जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं किया जो उसे रेल या सड़क मार्ग से दिल्ली आकर तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करना होगा। आरोपी ने अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिये याचिका दायर करते हुए कहा था कि कोविड-19 से निपटने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश में फंसा है और दिल्ली नहीं आ पा रहा है।

उसकी इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत का यह निर्देश आया। पुलिस ने उसकी याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि मेट्रोपोलिटियन मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत रद्द करते हुए सत्र अदालत ने कहा था कि उसकी जमानत बढ़ाई नहीं जाएगी। सत्र अदालत के फैसले पर गौर करते हुए उच्च न्यायालय ने इसमें हस्तक्षेप नहीं करने का निर्णय लिया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर आरोपी ट्रेन से आ रहा है तो रेलवे प्रशासन टिकट देने में उसे तरजीह देगा, क्योंकि उसे तिहाड़ जेल के समक्ष तत्काल आत्मसमर्पण करना है। आरोपी के ट्रेन से नहीं आ पाने पर जांच अधिकारी को खुद जाकर उसे ट्रेन या सड़क मार्ग से लाने का निर्देश दिया गया है। इस निर्देश के साथ अदालत ने आरोपी की याचिका का निस्तारण कर दिया। 

Web Title: Accused not able to come to Delhi due to lockdown, court allows surrender in UP

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