नीतीश कटारा हत्याकांड: कोरोना के डर से विशाल यादव ने मांगी है 8 हफ्ते की पेरोल, दिल्ली हाई कोर्ट ने कही ये बात

By भाषा | Published: May 2, 2020 02:00 PM2020-05-02T14:00:54+5:302020-05-02T14:00:54+5:30

कारोबारी नीतीश कटारा की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे विशाल यादव की पेरोल याचिका को “सक्षम प्राधिकारी” को एक प्रतिवेदन के तौर पर स्वीकार करने को दिल्ली हाई कोर्ट ने कह दिया है। इसके अलावा 15 दिन के भीतर इसका निस्तारण करने को भी कहा गया है।

Accept Vishal Yadav's parole petition as representation, dispose in 15 days, says Delhi High Court | नीतीश कटारा हत्याकांड: कोरोना के डर से विशाल यादव ने मांगी है 8 हफ्ते की पेरोल, दिल्ली हाई कोर्ट ने कही ये बात

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि 15 दिन में करें निस्तारण (फाइल फोटो)

Highlightsउच्च न्यायालय ने फरवरी 2015 में यादव को जेल भेजते वक्त कहा था कि 25 साल की असल सजा पूरी करने तक उसे किसी तरह की माफी नहीं मिलेगी।सरकार ने अदालत को बताया था कि जेल में दोषी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का कोई जोखिम नहीं है। 

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2002 में कारोबारी नीतीश कटारा की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे विशाल यादव की पेरोल याचिका को “सक्षम प्राधिकारी” को एक प्रतिवेदन के तौर पर स्वीकार करने और 15 दिन के भीतर इसका निस्तारण करने को कहा है। जेल नियमावली के तहत सक्षम प्राधिकारी उपराज्यपाल हैं। 

यादव ने अदालत में आठ हफ्ते के पेरोल के लिए याचिका इस आधार पर दायर की है कि जेल में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा है क्योंकि पूर्व में वह तपेदिक का मरीज रह चुका है। न्यायमूर्ति ए के चावला की अदालत ने कहा, “यह अदालत का विचार है कि प्रथम दृष्टया इस मामले पर सक्षम प्राधिकारी को विचार करने की जरूरत है।” 

इसके बाद दोषी के वकील ने सुझाव दिया कि याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर देखा जाए और समयबद्ध तरीके से इसका निस्तारण हो। दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे अतिरिक्त स्थायी वकील (आपराधिक मामले) राजेश महाजन ने अदालत को आश्वस्त किया कि गुण-दोष के आधार पर प्रतिवेदन पर विचार किया जाएगा और तीन हफ्ते के भीतर इसका निस्तारण किया जाएगा। 

इसके बाद, अदालत ने सक्षम प्राधिकारी को इस याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर देखने और एक मई से 15 दिन के भीतर इसका निस्तारण करने का निर्देश दिया। इसने कहा, “लिए गए निर्णय की सूचना याचिकाकर्ता को दी जाए।’’ अदालत ने कहा कि रिट याचिका निस्तारित की जाती है। सरकार ने अदालत को बताया था कि जेल में दोषी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का कोई जोखिम नहीं है। 

इसके अलावा उसने यह भी कहा कि जेल के रिकॉर्ड दिखाते हैं कि दोषी की चिकित्सीय स्थिति स्थिर है और वह टीबी से ग्रसित नहीं है। सरकार ने यह भी कहा कि जेल नियमों के तहत आठ हफ्ते का ‘आपात’ पेरोल सजा में माफी के बराबर होता है। उच्च न्यायालय ने फरवरी 2015 में यादव को जेल भेजते वक्त कहा था कि 25 साल की असल सजा पूरी करने तक उसे किसी तरह की माफी नहीं मिलेगी।

Web Title: Accept Vishal Yadav's parole petition as representation, dispose in 15 days, says Delhi High Court

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