Nirbhaya Case:राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने को लेकर दोषी विनय शर्मा ने किया न्यायालय का रुख
By अनुराग आनंद | Published: February 11, 2020 03:55 PM2020-02-11T15:55:34+5:302020-02-11T15:59:55+5:30
आज निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार दोपहर केंद्र सरकार की उस याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वन का मर्सी पिटीशन खारिज नहीं हुआ है। ऐसे में आप फिर से एक नया डेथ वारंट केक लिए कोर्ट में अपील क्यों नहीं करते हैं?
2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार के दोषी विनय के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की है। इसमें भारत के राष्ट्रपति द्वारा अस्वीकार की गई दया याचिका को चुनौती दी गई है। वहीं, आज निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार दोपहर नरेंद्र मोदी सरकार की उस याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार के वकील को कहा कि आपको चार्ट के मुताबिक, दोषियों का तीन मर्सी पिटीशन खारिज हो गया है।
2012 Delhi gang-rape convict Vinay's lawyer, AP Singh: One of the death row convicts, Vinay Kumar Sharma, has filed a writ petition before Supreme Court challenging the mercy petition rejected by President of India.
— ANI (@ANI) February 11, 2020
पवन का मर्सी पिटीशन खारिज नहीं हुआ है। ऐसे में आप फिर से एक नया डेथ वारंट केक लिए कोर्ट में अपील क्यों नहीं करते हैं? इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि पवन ने जब दया याचिका ही दायर नहीं की है तो डेथ वारंट जारी करने की मांग क्यों हो रही है?
Supreme Court: Justice Bhushan asks Solicitor General Tushar Mehta, "Your chart shows 3 mercy petitions have been rejected. Pawan hasn't filed. Why don't you file for a fresh death warrant?". https://t.co/iXTHWOx2x5
— ANI (@ANI) February 11, 2020
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से दायर याचिका में निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं देने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थीं। मिली जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई हुई।
कोर्ट ने पिछले सुनवाई में (7 फरवरी) निर्भया के चारों दोषियों (अक्षय सिंह ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) को अलग-अलग फांसी देने के मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह नोटिस जारी करते हुए कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट का एक हफ्ता का दिया हुआ समय 11 फरवरी को समाप्त हो रहा है, ऐसे में 11 फरवरो को मामले की सुनवाई होगी।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी दोषियों से अपने सभी कानूनी विकल्पों को एक सप्ताह के भीतर इस्तेमाल करने के लिए कहा था।