वीवीएस लक्ष्मण ने बल्लेबाजों को दी ऑनलाइन कोचिंग, मानसिक पहलुओं पर रहा जोर

बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ने अपने क्रिकेटर्स को लॉकडाउन के बीच एक्टिव रखने के लिए ऑनलाइन क्लासेस शुरू की हैं...

By भाषा | Published: April 28, 2020 05:20 PM2020-04-28T17:20:34+5:302020-04-28T17:21:04+5:30

VVS Laxman conducts first online session for Bengal batsmen | वीवीएस लक्ष्मण ने बल्लेबाजों को दी ऑनलाइन कोचिंग, मानसिक पहलुओं पर रहा जोर

वीवीएस लक्ष्मण ने बल्लेबाजों को दी ऑनलाइन कोचिंग, मानसिक पहलुओं पर रहा जोर

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पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने मंगलवार को रणजी ट्रॉफी उप विजेता बंगाल के बल्लेबाजों के लिए अपने पहले ऑनलाइन सत्र का संचालन किया। इस सत्र के दौरान लक्ष्मण ने मानसिक पहलुओं पर जोर दिया।

अभिषेक रमन और काजी जुनैद सैफी के साथ लक्ष्मण ने 45-45 मिनट के दो अलग अलग सत्र का संचालन किया और इस दौरान बंगाल के कोच अरुण लाल, क्रिकेट संचालन मैनेजर जायदीप मुखर्जी और राज्य की अंडर-23 टीम के कोच सौराशीष लाहिड़ी भी मौजूद थे।

पिछले सत्र में अच्छी शुरुआत करने वाले सलामी बल्लेबाज रमन को बताया गया कि किस तरह विफलताओं से निपटा जाता है और कैसे दोबारा आत्मविश्वास हासिल किया जाता है।

बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) द्वारा जारी बयान में रमन ने कहा, ‘‘हमने अपने पिछले सत्र के बारे में बात की। सत्र के दौरान मेरी मानसिकता कैसी रही। इस सत्र में काफी कुछ सीखने को मिला और पता चला कि सत्र के दौरान आने वाले उतार चढ़ाव को देखते हुए मानसिक तैयारी कैसे करनी है।’’

रमन ने सत्र की शुरुआत केरल और आंध्र के खिलाफ लगातार दो शतक के साथ की लेकिन अंतत: 10 पारियों में 25.37 के औसत से 406 रन ही बना पाए। लक्ष्मण ने बताया कि खराब शॉट खेलने से बचने के लिए कैसे अपने दिमाग को नियंत्रित किया जाए और साथ ही गेंदबाजी की अनुकूल पिचों पर पहले घंटे में बल्लेबाजी की अहमियत के बारे में भी बताया।

पदार्पण करते हुए दो मैच खेलने वाले काजी को लक्ष्मण ने बताया कि कैसे आयु वर्ग के क्रिकेट से सीनियर स्तर पर आने के बदलाव से आसानी से निपटा जा सकता है।

काजी ने कहा, ‘‘आज का सत्र बेहद महत्वपूर्ण और उपयोगी था। लक्ष्मण मेरे साथ अपने अनुभव साझा कर रहे थे, कैसे नर्वस होना सामान्य चीज है, संदेह हो सकता है लेकिन साथ ही अपने और अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने की जरूरत है।’’

कैब ऑनलाइन सत्र जारी रखेगा जिसमें शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। बंगाल की टीम 13 साल के पहली बार रणजी ट्राफी फाइनल में पहुंची थी लेकिन इस दौरान उसे सबसे अधिक शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने ही निराश किया था।

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