Highlightsआईसीसी चाहता है कि 143 साल पुराने पांच दिवसीय प्रारूप को चार दिन का कर दिया जाए।इस पर सहवाग ने कहा कि चार दिन की सिर्फ चांदनी ही होती है, टेस्ट क्रिकेट नहीं।सहवाग ने कहा कि डायपर और 5 दिन का टेस्ट तभी बदलना चाहिए जब यह खराब हो जाए।
टेस्ट क्रिकेट को चार दिन का करने को लेकर छिड़ी बहस में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी प्रतिक्रिया दी है और आईसीसी के इस प्रस्ताव को लेकर कई दिग्गजों ने अपनी असहमति जताई है। सगवाग ने कहा कि डायपर और 5 दिन का टेस्ट तभी बदलना चाहिए जब यह खराब हो जाए। चार दिन की सिर्फ चांदनी ही होती है, टेस्ट क्रिकेट नहीं।
सहवाग ने मुंबई में आयोजित बीसीसीआई के ऐनुअल अवॉर्ड सेरेमनी में सहवाग ने सातवें मंसूर अली खान पटौदी व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं हमेशा बदलाव का समर्थन करता हूं। मैंने पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की, जिस पर मुझे गर्व है। मैं भारत की टी20 वर्ल्ड कप 2007 विनिंग टीम का हिस्सा था, लेकिन पांच दिन का टेस्ट मैच रोमांस की तरह है।'
उन्होंने आगे कहा, 'टेस्ट जर्सी पर नंबर और नाम के अलावा पिंक बॉल टेस्ट यानि डे नाइट टेस्ट जैसा इनोवेशन अच्छा है, लेकिन बच्चे का डायपर और टेस्ट मैच में तभी बदलाव करना चाहिए, जब वो खराब या समाप्त हो जाए, जिसका का फिर इस्तेमाल नहीं किया जा सके। टेस्ट क्रिकेट 143 साल पुराना फिट व्यक्ति है। यह क्रिकेट की एक आत्मा है। चार दिन की सिर्फ चांदनी ही होती है...टेस्ट क्रिकेट नहीं।'
बता दें कि आईसीसी चाहता है कि 143 साल पुराने पांच दिवसीय प्रारूप को चार दिन का कर दिया जाए और अगले भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) सत्र में सीमित ओवरों के क्रिकेट को अधिक तवज्जो दी जाए। हालांकि इसका अभी प्रस्ताव ही दिया गया है और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी इस प्रारूप को आजमाने की इच्छा व्यक्त की है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) आईसीसी के इस सुझाव के पक्ष में नहीं है और हाल ही में बीसीसीआई अधिकारी ने कहा था कि टेस्ट मैच को पांच दिन से चार दिन का करने में हमें कोई तुक नजर नहीं आता। इसके अलावा भारतीय कप्तान विराट कोहली, कोच रवि शास्त्री, रोहित शर्मा, सचिन तेंदुलकर समेत कई विदेशी खिलाड़ियों ने भी इसका विरोध किया था।