जब विराट कोहली ने रेफरी से कहा था, 'मुझे माफ कर दीजिए, कृपया बैन मत कीजिए'

Virat Kohli: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने अपने क्रिकेट करियर के सबसे शर्मिंदगी भरे पल का खुलासा किया है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 5, 2018 05:04 PM2018-09-05T17:04:21+5:302018-09-05T17:04:21+5:30

Virat Kohli recalls most embarrassing incidents of his cricketing career | जब विराट कोहली ने रेफरी से कहा था, 'मुझे माफ कर दीजिए, कृपया बैन मत कीजिए'

विराट कोहली

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नई दिल्ली, 05 सितंबर: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने क्रिकेट करियर के सबसे शर्मिंदगी भरे क्षण का खुलासा किया है जब 2012 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर वह दर्शकों की तरफ बीच की अंगुली दिखाते हुए कैमरे में कैद हुए थे। 

2012 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट के दौरान दर्शकों के तानों से नाराज कोहली ने दर्शकों के एक वर्ग की तरफ बीच की अंगुली दिखाई थी। विराट कोहली के इस व्यवहार के लिए मैच रेफरी रंजन मदुगले ने अपने कमरे में बुलाया था और इस मामले को समझाने के लिए कहा था। 

कोहली ने विजडन क्रिकेट मंथली से बातचीत में उस घटना को याद करते हुए कहा, 'जो एक चीज मुझे याद है कि वह है कि जब सिडनी में मैंने ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की बातें बहुत सुन लीं तो मैंने उनकी तरफ एक अंगुली (बीच की) दिखाने का निर्णय लिया।'

विराट ने कहा, 'अगले दिन मैच रेफरी (रंजन मदुगले) ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और मैंने सोचा कि क्या गलत हुआ है?'

रेफरी ने पूछा, 'कल बाउंड्री पर क्या हुआ था?' मैंने कहा, 'कुछ नहीं, थोड़ा सा मजाक था। तब उन्होंने मेरे सामने उस दिन का अखबार फेंका और पहले ही पेज पर मेरी अंगुली दिखाते हुए तस्वीर थी।'

कोहली ने कहा, 'मैंने कहा, मुझे माफ कर दीजिए, कृपया मुझे बैन मत कीजिए! मैं इससे बच गया। वह अच्छे इंसान थे, वह समझ गए थे कि मैं युवा था और ऐसी चीजें हो जाती हैं।' 

उस घटना के बारे में तब विराट कोहली ने ट्वीट भी किया था और कहा था कि दर्शकों का व्यवहार उनके प्रति सीमा लांघ गया था।


कोहली ने साथ ही अपने बचपन के कोच राजकुमार शर्मा को अपना करियर बनाने में योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, 'मेरे कोच राजकुमार शर्मा चीजों को बाहर से देखते थे और उन्होंने मेरे परिवार के बाद मुझे सबसे ज्यादा समझा क्योंकि मैंने उनसे कई सालों तक ढेरों बातचीत की थी। मेरा परिवार भी। जब भी उन्हें लगा कि मैं सही रास्ते पर नहीं हूं, उन्होंने मुझ राह दिखाई।' 

विराट ने कहा, 'लेकिन मेरे कोच ही थे जो मेरे लिए बहुत सख्त थे। अगर मैं कुछ गलत कर रहा था वह सुनिश्चित करते थे कि वह उसे किसी भी तरह ठीक करें। जब मैं बड़ा हो रहा था तो वही एक शख्स थे जिनसे मैं डरता था। मैं उनकी ऐकैडमी में नौ साल की उम्र में गया था और मैं अब भी उनसे अपने खेल के बारे में चर्चा करता हूं।'

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