गैरपारंपरिक शैली को स्वीकार करने में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की हिचकिचाहट पर खेद जताते हुए स्टीव स्मिथ के शुरुआती कोचों में शामिल रहे ट्रेंट वुडहिल ने कहा कि उनके दिग्गज शिष्य की विशिष्टता को भारत में स्वीकार किया जाता जहां नतीजे देने पर ध्यान दिया जाता है। हाल में संपन्न हुई एशेज श्रृंखला में स्मिथ के शानदार प्रदर्शन के बाद वुडहिल ने कहा कि अगर आपके अंदर कुछ अलग चीज है और आपकी शैली गैरपारंपरिक है तो इसका जश्न मानाया जाना चाहिए।
‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ ने वुडहिल के हवाले से कहा, ‘‘अगर स्टीवन भारतीय होता तो उसकी तकनीक और बल्लेबाजी से जुड़ी रणनीति को स्वीकार कर लिया जाता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि कोहली, गावस्कर, रोहित, गांगुली, सहवाग- इन सभी की तकनीक विशिष्ट थीं। भारतीय व्यवस्था में नतीजे देखे जाते हैं, आप कितने रन बना रहे हैं। जब तक आप नतीजे दे रहे हैं यह मायने नहीं रखता कि कैसे दे रहे हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया में हम चाहते हैं कि आप अच्छे स्कोर बनाएं और साथ ही आप इस दौरान तकनीक का भी ध्यान रखें।’’
स्मिथ ने एशेज में तीन शतक और तीन अर्धशतक की मदद से 110 से अधिक की औसत 774 रन बनाए। इस दौरान हालांकि बल्लेबाजी की उनकी विशिष्ट शैली पर उन लोगों ने काफी चर्चा की जो उनकी तकनीक को पारंपरिक नजरिये से देख रहे हैं। वुडहिल उन लोगों से अधिक खुश नहीं हैं जिन्हें इस विशिष्टता को स्वीकार करने में दिक्कत हो रही है और उन्होंने कहा कि इस रवैये का इस खिलाड़ी के करियर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। गैरपारंपरिक शैली को लेकर वुडहिल ने भारत के दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले और अफगानिस्तान के कलाई के स्टार स्पिनर राशिद खान का भी उदाहरण दिया। वुडहिल ने स्मिथ को महान बल्लेबाज डान ब्रैडमैन के संन्यास लेने के बाद से सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज करार दिया। भाषा सुधीर पंत पंत