Highlightsधोनी ने वर्ल्ड कप के 9 मैचों में 87.78 की स्ट्राइक रेट और 45.5 की औसत से 273 रन बनाए थे।इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 56 रन था, जो उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाए थे।धोनी ने आखिरी टी20 मैच फरवरी 2019 में खेला था, जिसमें उन्होंने 23 गेंदों में 40 रन बनाए थे।
कोरोना वायरस की महामारी के चलते इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 13वां सीजन अधर में लटकता नजर आ रहा है। फिलहाल तो इसे 15 अप्रैल तक निलंबित किया गया है, लेकिन वर्तमान सत्र में दुनिया की इस सबसे चर्चित क्रिकेट लीग के आयोजन पर ही सवालिया निशान लग गया है।
जाहिर है, आईपीएल के न होने से खिलाड़ियों से लेकर बीसीसीआई, फ्रेंचाइजियों, प्रसारणकर्ता और फैंस पर गहरा असर पड़ेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके न होने से सबसे ज्यादा खामियाजा एमएस धोनी को भुगतना पड़ेगा?
जी हां, आईपीएल यदि नहीं होगा तो धोनी की टीम इंडिया में वापसी की राह अपने आप ही खत्म हो जाएगी। क्योंकि टीम में वापसी के लिए आईपीएल इकलौता माध्यम था। इसी उम्मीद में उन्होंने दबाव के बावजूद संन्यास के फैसले को कुछ समय के लिए टाले रखा।
यही वजह रही कि आईपीएल की तैयारियों में विश्व क्रिकेट का यह धुरंधर पूरी संजीदगी से जुड़ गया। उन्होंने नेट्स में पसीना बहाना भी शुरू कर दिया। कुछ अभ्यास मुकाबलों में धमाकेदार बल्लेबाजी से वह भविष्य की योजनाओं का खुलासा कर चुके थे। लेकिन अचानक कोविड-19 की वैश्विक महामारी से उनकी सारी तैयारी धरी की धरी रह गई और उन्हें बीच से ही घर लौटना पड़ा। हालांकि उनके असंख्य चहेते दुआ कर रहे होंगे कि यह संकट खत्म हो और आईपीएल जल्द शुरू हो।
8 महीने पहले मैदान पर दिखे थे धोनी
धोनी आखिरी बार जुलाई 2019 में आईसीसी वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत की ओर से मैदान पर उतरे थे। धोनी ने वर्ल्ड कप के 9 मैचों में 87.78 की स्ट्राइक रेट और 45.5 की औसत से 273 रन बनाए थे। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 56 रन था, जो उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाए थे।
धोनी ने आखिरी टी20 मैच फरवरी 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में धोनी ने 37 गेंदो में नाबाद 29 रन और दूसरे मैच में 23 गेंदों में 40 रन बनाए। हालांकि टीम इंडिया दोनों मैच हार गई थी। दो मैचों में धोनी ने चार चौके और तीन छक्के लगाया था।
मुश्किल है धोनी की आगे की राह
यदि आईपीएल 2020 का सत्र रद्द कर दिया जाता है तो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में धोनी की वापसी अब बेहद मुश्किल दिखाई दे रही है। चूंकि, वह पिछले आठ महीने से इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहे है, लिहाजा टीम में जगह बनाने के किसी भी मापदंड पर वह खरे नहीं उतर पाएंगे।
इंटरनेशनल क्रिकेट से इस तरह दूर रहने से उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। खासतौर से पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर उनके इस रवैये से सख्त खफा रहे। गावस्कर ने साफ लहजे में धोनी की आलोचना करते हुए कहा था कि कोई खिलाड़ी इतने लंबे समय तक कैसे अपने आप को अनुपलब्ध बता सकता है। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि बाहर किए जाने से धोनी को खुद ही क्रिकेट से हट जाने का निर्णय ले लेना चाहिए।
धोनी के लिए क्या सोचता है टीम प्रबंधन
धोनी की वापसी को लेकर कोच रवि शास्त्री की राय स्पष्ट नहीं रही है। हालांकि उन्होंने हर बार धोनी का समर्थन ही किया है। धोनी की योग्यता पर सवाल खड़े करने वालों को उन्होंने यह कहकर खारिज किया कि इस दिग्गज क्रिकेटर को लय में लौटने के लिए महज एक मौके की दरकार है। लेकिन शास्त्री भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि धोनी भविष्य में टीम इंडिया का हिस्सा होंगे या नहीं, इसका फैसला आईपीएल 2020 में उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
भारतीय कप्तान विराट कोहली भी युवा खिलाड़ी के पक्ष में नजर आए। खासतौर से वह युवा ऋषभ पंत के साथ खड़े नजर आए। हाल की सीरीज में लोकेश राहुल के साथ जो प्रयोग सफल रहा उससे धोनी के लिए खतरे पैदा हुए हैं। विकेटकीपर के रूप में राहुल की सफलता ने टीम प्रबंधन के सामने नया विकल्प पेश किया है।
धोनी को लेकर चयनकर्ताओं की सोच
मजे की बात तो ये है कि धोनी को लेकर चयनकर्ताओं की सोच कभी एक जैसी नहीं रही। पूर्व राष्ट्रीय चयन समिति अध्यक्ष एमएसके प्रसाद तो बार-बार कह चुके थे कि भारतीय क्रिकेट धोनी से आगे की ओर देख रहा है। लेकिन नवनियुक्त चयन समिति के अध्यक्ष सुनील जोशी ने शास्त्री के सुर में सुर मिलाते हुए आईपीएल को ही धोनी की वापसी का पैमाना बताया है। ऐसे में यह दिलचस्प होगी कि आईपीएल नहीं होता है तो फिर चयनकर्ता धोनी को लेकर क्या रुख अपनाएंगे।