खुलासा! जब लक्ष्मण के 100वें टेस्ट में धोनी बस चलाकर टीम को मैदान से ले आये थे होटल!

अनिल कुंबले के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट के बाद धोनी को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था।

By विनीत कुमार | Updated: November 18, 2018 13:16 IST2018-11-18T13:10:15+5:302018-11-18T13:16:07+5:30

vvs laxman reveals in autobiography 281 and Beyond whem ms dhoni drives team bus in nagpur | खुलासा! जब लक्ष्मण के 100वें टेस्ट में धोनी बस चलाकर टीम को मैदान से ले आये थे होटल!

एमएस धोनी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी ऑटोबायोग्राफी- '281 एंड बियोंड' में एक दिलचस्प खुलासा करते हुए बताया है कि उनके 100वें टेस्ट के दौरान नागपुर में एमएस धोनी टीम का बस चलाते हुए होटल ले आये थे। यह धोनी का भी बतौर कप्तान टेस्ट डेब्यू था।

दिग्गज अनिल कुंबले के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में 2 नवंबर-2008 के आखिरी टेस्ट के बाद धोनी को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था। अपनी किताब में लक्ष्मण ने धोनी की प्रशंसा करते हुए बताया है कि कैसे बतौर कप्तान माही अपने सीनियर खिलाड़ियों का प्रोत्साहित करने में सफल होते थे।

लक्ष्मण ने धोनी के टीम बस चलाने के वाक्यो का जिक्र करते हुए लिखा, 'मेरी यादों में से एक धोनी का नागपुर में टीम बस चलाते हुए होटल लाना भी बसा हुआ है। वह मेरा 100वां टेस्ट था। मेरी आंखें भरोसा नहीं कर रही थी। टीम का कप्तान मैदान से बस चलाते हुए टीम को होटल ला रहा था। अनिल (कुंबले) के संन्यास के बाद बतौर कप्तान धोनी का यह पहला टेस्ट था और फिर भी वे बेफिक्र नजर आ रहे थे। लेकिन वे चंचल और फिर भी जमीन से जुड़े थे। एमएस ने कभी खेल के आनंद को नहीं गंवाया। मैंने न ही उनके साथ जैसा शांत व्यक्ति ही कभी देखा है।'

लक्ष्मण ने अपनी इस किताब में 2011 के उन लम्हों को भी याद किया है जब वे विदेशी जमीन पर रन बनाने में नाकाम साबित हो रहे थे लेकिन इसके बावजूद धोनी उनके पास आकर लगातार उनका उत्साह बढ़ाते रहे। यह वह साल था जब भारत को इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में 4-0 से हार का सामना करना पड़ा और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उसे संघर्ष करना पड़ा। लक्ष्मण के अनुसार टीम लगातार असफल हो रही थी लेकिन धोनी ने कभी भी अपना धैर्य नहीं गंवाया।

लक्ष्मण लिखते हैं, 'एमएस धोनी का धैर्य कमाल का है। वह 2011 में इंग्लैंड के दौरे तक केवल सफलता देख रहे थे। लेकिन इंग्लैंड में हम 4-0 से हारे और फिर साल के आखिर तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट हार चुके थे और व्हाइटवॉश की ओर बढ़ रहे थे। मैं सबसे खराब खेल रहा था और पूरी टीम भी लेकिन धोनी बेहद सुलझे हुए नजर आये। उन्होंने एक मौके पर भी अपना धैर्य नहीं खोया और न ही कभी जाहिर किया कि वे इस प्रदर्शन से निराश या हताश हैं।'

लक्ष्मण ने साथ ही धोनी के दबाव को झेलने के तरीके के उदाहरण के तौर पर लिखा, 'धोनी ने मुझसे कहा, लच्छी भाई हताश या निराश महसूस करने से क्या फायदा? इससे आपके ही प्रदर्शन को और नुकसान होगा।'

गौरतलब है कि लक्ष्मण भारत के सबसे बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। लक्ष्मण ने भारत के लिए 134 टेस्ट मैच खेले और 17 शतक और 56 अर्धशतकों की बदौलत 8781 रन बनाये हैं।

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