HighlightsVIRAT KOHLI-Anushka Sharma: अब तक तीन बार फाइनल में मिली नाकामी की यादें भी खुशी के इन आंसुओं में धुंधली हो गई।VIRAT KOHLI-Anushka Sharma: विराट मैदान पर घुटने के बल बैठकर रो पड़े।VIRAT KOHLI-Anushka Sharma: कोहली ने 35 गेंद में 43 रन का योगदान दिया।
VIRAT KOHLI-Anushka Sharma: विराट कोहली और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 18 साल की नाकामियों और निराशाओं को आखिरकार भुलाते हुए पंजाब किंग्स को मंगलवार को छह रन से हराकर पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग खिताब अपने नाम किया। जीत तय होते ही अपने आंसू पर काबू नहीं पा सके विराट मैदान पर घुटने के बल बैठकर रो पड़े। उनके साथ ही 18 साल से ‘ई साला कप नामडे’ का मंत्र जप रहे आरसीबी के प्रशंसकों की आंखें भी नम हो गई। अब तक तीन बार फाइनल में मिली नाकामी की यादें भी खुशी के इन आंसुओं में धुंधली हो गई।
बल्लेबाजी की मददगार पिच पर खेले गए फाइनल में आरसीबी ने दबाव का बखूबी सामना करते हुए जुझारूपन नहीं छोड़ा और जीतकर ही दम लिया। मैदान पर ‘कोहली कोहली’ और ‘आरसीबी आरसीबी’ के शोर के बीच आरसीबी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट पर 190 रन बनाये जिसमें कोहली ने 35 गेंद में 43 रन का योगदान दिया।
190 रन का स्कोर उतना बड़ा नहीं था लेकिन कृणाल पंड्या की अगुवाई में गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। पंड्या ने चार ओवर में 17 रन देकर दो विकेट लिये। जीत के बाद विराट कोहली ने कहा कि यह जीत जितनी प्रशंसकों के लिए है, उतनी ही टीम के लिए भी है। 18 साल हो गए हैं। मैंने इस बार अपनी जवानी, अपना शिखर दिया है। मैंने अपना सबकुछ दिया है।
मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह दिन आएगा। आखिरी गेंद फेंके जाने के बाद मैं भावुक हो गया था। उन्होंने (एबी) इस फ्रेंचाइजी के लिए जो किया है, वह जबरदस्त है। खेल से पहले भी मैंने उनसे कहा था यह मैच भी आपका है और मैं चाहता हूं कि वह हमारे साथ जश्न मनाएं। उनके पास अभी भी हमारे लिए सबसे ज्यादा MoM अवॉर्ड हैं और उन्हें रिटायर हुए चार साल हो गए हैं।
वह हमारे साथ पोडियम पर होने के हकदार हैं। मैं इस टीम के प्रति वफादार रहा हूं, चाहे कुछ भी हो। ऐसे क्षण भी आए हैं जब मैंने इसके विपरीत सोचा, लेकिन मैं इस टीम से जुड़ा रहा। मेरा दिल बैंगलोर के साथ है, मेरी आत्मा बैंगलोर के साथ है और यह वह टीम है जिसके लिए मैं तब तक खेलूंगा जब तक मैं आईपीएल नहीं खेलता। आज रात मैं एक बच्चे की तरह सोऊंगा।
मेरे पास इस खेल को खेलने का मौका ज्यादा सालों तक नहीं है। हमारे लिए एक आखिरी तारीख है। उससे पहले मैं अपना सबकुछ देना चाहता हूं। भगवान का शुक्रिया कि उन्होंने आखिरकार मुझे यह मौका दिया। टीम की मदद करने के लिए आप अलग-अलग तरीके खोजते हैं। ईमानदारी से कहूँ तो यह प्रबंधन और समूह बेहतरीन है।
नीलामी के बाद बहुत से लोगों ने हमसे सवाल किए, लेकिन दूसरे दिन तक हम जो कुछ भी हासिल कर पाए, उससे खुश थे। मेरे बारे में पहले ही बहुत कुछ कहा जा चुका है, यह जीत बैंगलोर के लिए है। यह पल मेरे करियर के सबसे बेहतरीन पलों में से एक है। लेकिन यह अभी भी टेस्ट क्रिकेट से पाँच स्तर नीचे है। अगर आप सम्मान पाना चाहते हैं, तो टेस्ट क्रिकेट को अपनाएँ।