VIDEO: शारजाह में 5 विकेट झटकने वाला एकमात्र भारतीय, जिसने वेस्टइंडीज के खिलाफ मचा दिया था कोहराम

भारत के लिए दो टेस्ट और 23 एकदिवसीय खेलने वाले इस खिलाड़ी के करियर का सर्वश्रेष्ठ पल 1988 में शारजाह के मैदान में आया जब...

By भाषा | Published: April 13, 2020 04:30 PM2020-04-13T16:30:30+5:302020-04-13T16:30:54+5:30

VIDEO: Sanjeev Sharma 5 for 26 destroys West Indies 1988 | VIDEO: शारजाह में 5 विकेट झटकने वाला एकमात्र भारतीय, जिसने वेस्टइंडीज के खिलाफ मचा दिया था कोहराम

VIDEO: शारजाह में 5 विकेट झटकने वाला एकमात्र भारतीय, जिसने वेस्टइंडीज के खिलाफ मचा दिया था कोहराम

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजीव शर्मा ने क्रिकेट के मैदान के अपने स्वर्णिम दिनों को याद करते हुए कहा कि अब भी शारजाह में पांच विकेट लेने वाले वह इकलौते भारतीय हैं। दिल्ली के 54 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने भारतीय टीम के साथ 1988 से 1990 तीन सत्र के अपनी यादों को साझा किया।

कई लोग उन्हें दुर्भाग्यशाली मानते है कि क्योंकि 1990 के लॉर्ड्स टेस्ट में विकेटकीपर किरण मोरे ने उनकी गेंद पर इंग्लैंड के दिग्गज ग्राहम गूच का कैच टपका दिया था। गूच ने इस मैच में 333 और 123 रन की यादगार पारियां खेलकर इंग्लैंड को बड़ी जीत दिलायी।

शर्मा हालांकि इस मैच के बाद एक भी टेस्ट नहीं खेल पाये थे। शर्मा ने कहा, ‘‘यह तो खेल का हिस्सा है। लेकिन किसे पता है अगर मोरे ने इस कैच को पकड़ लिया होता तो शायद मेरा टेस्ट करियर कुछ अलग होता। उन्होंने इसके बाद हंसते बताया, ‘‘ इस मैच की दूसरी पारी में मैं टीम का सर्वोच्च स्कोरर था। मैंने 38 रन बनाये थे जो सचिन तेंदुलकर, दिलीप वेंगसरकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन और संजय मांजरेकर के स्कोर से अधिक था। इस बारे में क्या कहेंगे।’’

देश के लिए दो टेस्ट और 23 एकदिवसीय खेलने वाले इस खिलाड़ी के करियर का सर्वश्रेष्ठ पल 1988 में शारजाह के मैदान में आया जब उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 26 रन देकर पांच विकेट लिये। शर्मा ने कहा, ‘‘हम 2000 के बाद से शारजाह में नहीं खेले लेकिन मेरा रिकार्ड बरकरार है। यह निश्चय ही मेरे करियर का सर्वश्रेष्ठ पल था। मैंने पांच विकेट लेकर भारत की जीत में योगदान दिया था।’’

इस मैच की यादों को ताजा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘गॉर्डन ग्रीनिज ने मेरे खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया लेकिन कपिल पाजी ने मिड-आफ पर उनका कैच लपक लिया। लेकिन मैं इस प्रदर्शन का ज्यादा श्रेय हिरू (नरेन्द्र हिरवानी) को दूंगा जिन्होंन अहम समय पर कार्ल हूपर को चलता किया। इससे मुझे निचले क्रम के बल्लेबाजों को समेटने में मदद मिली।’’

उन्होंने हालांकि इस प्रदर्शन के बाद भी मैन ऑफ द मैच का खिताब नहीं मिला था। शर्मा ने कहा, ‘‘ हां, यह ठीक था क्योंकि चीका भाई (कृष्णामाचारी श्रीकांत) ने पैट्रिक पैटरसन, कर्टनी वाल्श, कर्टली एम्ब्रोस और विंस्टन बेंजामिन जैसे गेंदबाजों के खिलाफ शतक बनाया था। मुझे याद है कि टोनी लुईस ने मैन ऑफ द मैच का फैसला किया था और खेल खत्म होने से पहले ही यह घोषणा कर दी गई थी कि यह पुरस्कार श्रीकांत को मिलेगा। शर्मा ने इसके बाद वेस्टइंडीज के 1989 के दौरे की यादों को साझा करते हुए कहा कि इयान बिशप की गेंद आउट होने की कहानी बयां की।

उन्होंने कहा, ‘‘80 और 90 की दशक में बिशप सबसे तेज गेंदबाज थे, बिशप ने मुझे क्लीन बोल्ड किया जिसमें बीच वाली विकेट उखड़कर विकेटकीपर जैफ डुजोन के पास चला गया। अगले दिन मैं और अजय (शर्मा) से चर्चा कर रहा था कि किस खिलाड़ी ने कैसा प्रदर्शन किया। मैंने अजय से कहा, ‘किसी ने कितने भी रन बनाये हों हो अखबार में मेरा ही फोटो छपा है।’’ उस दिन वेस्टइंडीज के ज्यादातर अखबारों में शर्मा के बोल्ड होने का फोटो छपा था। शर्मा ने दिल्ली के लिए 89 प्रथम श्रेणी मैच में 235 विकेट चटकाने के साथ 2785 रन बनाये थे।

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