लॉकडाउन के कारण गांव में फंसे आईसीसी अंपायर, पेड़ पर चढ़कर फोन करने को हैं मजबूर

Umpire Anil Chaudhary: आईसीसी पैनल के अंपायर अनिल चौधरी उत्तर प्रदेश के शामली स्थित अपने गांव में हैं और लॉकडाउन के दिनों में मोबाइल नेटवर्क को लेकर अलग ही अंदाज में जूझ रहे हैं

By भाषा | Published: April 10, 2020 02:52 PM2020-04-10T14:52:28+5:302020-04-10T14:52:28+5:30

Stranded at village due to lockdown, umpire Anil Chaudhary climbs up trees in pursuit of mobile network | लॉकडाउन के कारण गांव में फंसे आईसीसी अंपायर, पेड़ पर चढ़कर फोन करने को हैं मजबूर

आईसीसी पैनल के अंपायर अनिल चौधरी इन दिनों यूपी के शामली स्थित अपने गांव में हैं

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Highlightsअनिल चौधरी को भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज में करनी थी कप्तानी, कोरोना के चलते हुई रद्दचौधरी लॉकडाउन की वजह से शामली स्थित अपने गांव में हैं, मां और पत्नी हैं दिल्ली में

नई दिल्ली: क्रिकेट के मैदान पर जिन लोगों ने उन्हें बेहद शांतचित होकर चौके, छक्के और आउट का इशारा करते हुए देखा होगा, उन्हें आईसीसी पैनल के अंपायर अनिल चौधरी का कभी पेड़ पर तो कभी छत पर चढ़कर मोबाइल लहराते हुए नया रूप निश्चित तौर पर चौंकाने वाला लगेगा। भारत के शीर्ष क्रिकेट अंपायरों में शामिल चौधरी कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के दिनों में अपने गांव में रहने के लिये मजबूर है जहां खराब नेटवर्क के कारण उनका खुले खेतों में भी ‘गुगली’ और ‘बाउंसर’ से सामना हो रहा है।

चौधरी को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एकदिवसीय मैचों में अंपायरिंग करनी थी लेकिन श्रृंखला बीच में ही रोक दिये जाने के कारण वह 16 मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली जिले में स्थित अपने गांव डांगरोल आ गये थे। चौधरी ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘मैं 16 मार्च को अपने दोनों बेटों के साथ गांव आ गया था। मैं काफी दिनों बाद गांव आया था इसलिए मैंने एक सप्ताह यहां बिताने का फैसला किया लेकिन इसके बाद लॉकडाउन हो गया और मैं उसका पूरी तरह से पालन कर रहा हूं जबकि मेरी मां और पत्नी दिल्ली में हैं।’’

अब तक 20 वनडे और 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग कर चुके चौधरी गांव में लोगों को सामाजिक दूरी बनाये रखने और कोविड-19 के प्रति जागरूक करने में लगे हैं लेकिन नेटवर्क की समस्या के कारण वह विभिन्न कार्यक्रमों में ऑनलाइन हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं जिनमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की कार्यशालाएं भी शामिल हैं।

नेटवर्क के लिए पेड़ या छत पर जाना पड़ता है: अनिल चौधरी

उन्होंने कहा, ‘‘गांव में नेटवर्क सबसे बड़ा मसला है। हम किसी से बात तक नहीं कर सकते या नेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसके लिये उन्हें गांव से बाहर या किसी खास छत या पेड़ पर जाना होता है। वहां भी हमेशा नेटवर्क नहीं रहता है। ’’ आईसीसी पैनल के अंपायर ने स्वयं कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाली हैं जिनमें वह पेड़ पर चढ़कर फोन करते हुए दिखायी दे रहे हैं।

चौधरी ने कहा, ‘‘अभी सबसे बड़ी समस्या बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर है। दिल्ली, रूड़की, देहरादून आदि शहरों में पढ़ने वाले लड़के ऑनलाइन कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं। मेरा बेटा हिन्दू कॉलेज में पढ़ता है। उसकी कक्षाएं चल रही हैं लेकिन नेटवर्क नहीं होने से वह मजबूर है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक साल से यह मसला बना हुआ है लेकिन लॉकडाउन के कारण इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह स्थिति तब है जबकि दिल्ली से मेरा गांव केवल 85 किलोमीटर दूर है।’’ चौधरी ने बताया कि इस संबंध में उनके अनुरोध पर गांव की प्रधान ने शामली की जिलाधिकारी जसजीत कौर को पत्र भी लिखा लेकिन अब भी उन्हें उस पर कार्रवाई का इंतजार है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने दस दिन पहले पत्र भेजा था लेकिन अभी तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है।’’ चौधरी ने हालांकि इस दौरान लोगों को कोविड-19 के प्रति जागरूक भी किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने लोगों को एक साथ इकट्ठा नहीं होने, ताश नहीं खेलने, लगातार साबुन से हाथ धोने के लिये प्रेरित किया और उन्होंने मेरी बात पर अमल भी किया। मैंने उन्हें कुछ मास्क भी बांटे। मेरे गांव वाले अब सामाजिक दूरी बनाये रखने का पूरा पालन कर रहे हैं।’’ 

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