ENG vs PAK: मैदान पर जूते लेकर गए पूर्व पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद, टीम मैनेजमेंट पर भड़के शोएब अख्तर

Shoaib Akhtar, Sarfaraz Ahmed: पूर्व पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद के मैनचेस्टर टेस्ट के दूसरे दिन मैदान पर जूता ले जाते दिखने पर शोएब अख्तर ने जताई नाराजगी

By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 07, 2020 3:38 PM

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ठळक मुद्देपूर्व पाक कप्तान सरफराज अहमद के 12वें खिलाड़ी के रूप में मैदान पर जूता ले जाने पर भड़के शोएब अख्तरशोएब अख्तर ने कहा, 'आप उस खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं कर सकते जो 4 साल पाकिस्तान का कप्तान रहा हो'

पूर्व पाकिस्तानी पेसर शोएब अख्तर का मानना है कि पाक टीम मैनेजमेंट ने सरफराज अहमद को इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट के दूसरे दिन 12वां खिलाड़ी बनाकर उनका अपमान किया है। सरफराज को 2016 टी20 वर्ल्ड कप के बाद पाकिस्तानी टीम का कप्तान बनाया गया था और लगभग चार साल कप्तानी करने के के बाद उन्हें पिछले साल पद से बर्खास्त कर दिया गया था। 

सरफराज को मैनचेस्टर टेस्ट के दूसरे दिन शादाब खान के लिए पारी के 71वें ओवर में ड्रिंक्स और जूते ले जाते देखा गया, अख्तर का कहना है कि पूर्व पाकिस्तानी कप्तान के साथ ये बहुत ही अपमानजनक व्यवहार है।

मैनचेस्टर टेस्ट में सरफराज के हाथ में जूता लेकर जाने पर भड़के शोएब अक्तर

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, शोएब अख्तर ने बॉस न्यूज पर कहा, 'मुझे ये दृश्य पसंद नहीं आया। अगर आप कराची के लड़के का उदाहरण पेश करना चाहते हैं, तो ये गलत है। आप उस खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं कर सकते हैं जिसने पाकिस्तान की चार साल कप्तानी की है और देश के लिए चैंपियंस ट्रॉफी जीती है। आपने उसे जूते ले जाने दिया। अगर उन्होंने खुद से ऐसा किया है, तो उन्हें रोकें। वसीम अकरम कभी मेरे लिए जूते नहीं लाए।'

सरफराज की कप्तानी में पाकिस्तान ने 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। लेकिन 2019 वर्ल्ड कप में नाकामी के बाद अक्टूबर में सरफराज को तीनों फॉर्मेट में कप्तानी से हटा दिया गया। अजहर अली को नया कप्तान नियुक्त किया गया और बाबर आजम को टी20 और वनडे का कप्तान बनाया गया।

अख्तर ने सरफराज को बताया कमजोर और विनम्र

अख्तर ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि सरफराज ऐसा करने के लिए सहमत होने में 'कमजोर' और 'विनम्र' थे और इस चरित्र ने कप्तान के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान टीम का नेतृत्व करने के तरीके को प्रतिबिंबित किया। 

उन्होंने कहा, 'इससे पता चलता है कि सरफराज इतने विनम्र और कमजोर आदमी हैं। उन्होंने उसी तरह पाकिस्तान का नेतृत्व किया होगा जैसे वे जूते लेकर गए। यही कारण है कि मिकी आर्थर हमेशा उस पर हावी रहे। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि जूते ले जाना एक समस्या है, लेकिन पूर्व कप्तान ऐसा नहीं कर सकता।'

हालांकि पाकिस्तान के कोच और राष्ट्रीय चयनकर्ता मिस्बाह उल हक ने अख्तर के बयान को ज्यादा तवज्जो नहीं दी और कहा कि सरफराज का जूते ले जाना अपमान का प्रतीक नहीं है और ये केवल ये दिखाता है कि पूर्व पाकिस्तान कप्तान टीम के सच्चे खिलाड़ी हैं।

मिस्बाह ने कहा, 'सरफराज एक शानदार इंसान और खिलाड़ी हैं। वह जानते हैं कि ये टीम गेम है। जब अन्य खिलाड़ी बाहर प्रैक्टिस कर रहे हो तों, तो जो खिलाड़ी मौजूद है उसे मदद करनी होगी। ये अपमान की बात नहीं है। वास्तव में ये सरफराज का बड़प्पन है कि वह इसे करने में बुरा नहीं मानते। साथ ही ये एक अच्छी टीम की निशानी है।' 

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