जानें टीम इंडिया के कप्तान के लिए तेंदुलकर ने क्यों की थी धोनी की सिफारिश, मास्टर-ब्लास्टर ने कहा- राहुल कप्तान थे लेकिन मैं...

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने बताया कि उन्होंने 2007 में भारतीय कप्तान के रूप में एमएस धोनी के नाम की सिफारिश क्यों की थी।

By मनाली रस्तोगी | Published: December 22, 2022 10:55 AM

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ठळक मुद्दे धोनी ने 2007 में भारत को टी20 विश्व कप खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थीधोनी ने 2007 से 2017 तक टीम का नेतृत्व कियामहेंद्र सिंह धोनी को व्यापक रूप से खेल के इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है

नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी को व्यापक रूप से खेल के इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है। भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एकमात्र कप्तान हैं जिन्होंने खेल के सभी प्रारूपों में आईसीसी ट्रॉफी जीती है। धोनी ने 2007 से 2017 तक टीम का नेतृत्व किया। धोनी ने 2007 में भारत को टी20 विश्व कप खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी और अपने करियर में दो बार आईसीसी टेस्ट मेस हासिल की थी।

2011 में भारत ने घर में एमएस धोनी की कप्तानी में वनडे वर्ल्ड कप जीता था। कप्तानी के लिए धोनी के नाम की सिफारिश सचिन तेंदुलकर ने की थी जब बोर्ड ने राहुल द्रविड़ की जगह लेने के लिए धोनी से संपर्क किया था। इंफोसिस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में तेंदुलकर ने खुलासा किया कि उन्होंने बीसीसीआई से अपेक्षाकृत युवा एमएस धोनी को टीम के कप्तान के रूप में चुनने का आग्रह क्यों किया। 

बता दें कि विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी 26 साल के थे जब उन्हें भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था। उन्होंने कहा, "यह इंग्लैंड में था जब मुझे कप्तानी की पेशकश की गई थी। मैंने कहा कि हमारे पास टीम में एक बहुत अच्छा नेता है जो अभी भी जूनियर था, और वह ऐसा व्यक्ति है जिसे आपको करीब से देखना चाहिए।" 

उन्होंने कहा, "मैंने उसके साथ बहुत सारी बातचीत की है, विशेष रूप से मैदान पर जहां मैं पहली स्लिप में क्षेत्ररक्षण करता और उससे पूछा कि आप क्या सोचते हैं? हालांकि, राहुल कप्तान थे लेकिन मैं उनसे पूछा और मुझे जो प्रतिक्रिया मिली वह बहुत संतुलित, शांत, फिर भी बहुत परिपक्व थी। अच्छी कप्तानी विपक्ष से एक कदम आगे रहने के बारे में है। अगर कोई ऐसा करने के लिए पर्याप्त स्मार्ट है, जैसा कि हम कहते हैं, जोश से नहीं, होश से खेलो (समझदारी से खेलें)।"

सचिन तेंदुलकर ने आगे कहा, "यह तुरंत नहीं होता, आपको 10 गेंदों में 10 विकेट नहीं मिलेंगे। आपको इसकी योजना बनानी होगी। दिन के अंत में स्कोरबोर्ड मायने रखता है। और मैंने उनमें वे गुण देखे। इसलिए मैंने उनके नाम की सिफारिश की थी।" तेंदुलकर उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने धोनी की कप्तानी में 2011 विश्व कप का खिताब जीता था। मास्टर-ब्लास्टर तेंदुलकर ने साल 2013 में खेल से संन्यास ले लिया।

टॅग्स :Mahendra Singh Dhoniसचिन तेंदुलकरSachin Tendulkar
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