संन्यास लेने के 7 साल बाद छलका सचिन तेंदुलकर का दर्द, कहा- वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी दो बातों का हमेशा रहेगा मलाल

Sachin Tendulkar Reveals Two Regrets: साल 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से अलविदा लेने वाले सचिन तेंदुलकर ने एक बड़े राज से पर्दा हटाया है।

By अमित कुमार | Published: May 30, 2021 2:41 PM

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ठळक मुद्देविश्व कप 2011 जीतने में सचिन तेंदुलकर का योगदान अहम रहा था।सचिन तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी इच्छाओं का जिक्र किया।सचिन ने बताया कि उन्हें किन दो चीजों के नहीं होने का मलाल रहेगा।

Sachin Tendulkar Reveals Two Regrets: महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने यूं तो अपने क्रिकेट करियर में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें दो चीजों के नहीं होने का हमेशा मलाल रहेगा। क्रिकेट से संन्यास लेने के करीब सात साल बाद एक इंटरव्यू के दौरान सचिन तेंदुलकर ने कुछ बातों का जिक्र किया। 

सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह अपने करियर से काफी खुश हैं और साथ ही संतुष्ट हैं लेकिन उन्हें दो बातों का हमेशा ही मलाल रहेगा। सचिन ने कहा कि एक यह कि' सुनील गावस्कर के साथ क्रिकेट मैच नहीं खेलना और दूसरा मलाल विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेल पाना' उन्हें हमेशा सताता रहेगा। 

इससे पहले सचिन तेंदुलकर ने ‘अनअकेडमी’ द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में कहा कि समय के साथ मैंने महसूस किया कि खेल के लिए शारीरिक रूप से तैयारी करने के साथ आपको खुद को मानसिक रूप से भी तैयार करना होगा। मेरे दिमाग में मैदान में प्रवेश करने से बहुत पहले मैच शुरू हो जाता था। तनाव का स्तर बहुत अधिक रहता था।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले इस इकलौते पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि मैंने 10-12 वर्षों तक तनाव महसूस किया था, मैच से पहले कई बार ऐसा हुआ था जब मैं रात में सो नहीं पता था। बाद में मैंने यह स्वीकार करना शुरू कर दिया कि यह मेरी तैयारी का हिस्सा है। मैंने समय के साथ इस स्वीकार कर लिया कि मुझे रात में सोने में परेशानी होती थी। मैं अपने दिमाग को सहज रखने के लिए कुछ और करने लगता था। 

उन्होंने कहा इस ‘कुछ और’ में बल्लेबाजी अभ्यास, टेलीविजन देखना और वीडियो गेम्स खेलने के अलावा सुबह चाय बनाना भी शामिल था। रिकार्ड 200 टेस्ट मैच खेल कर 2013 में संन्यास लेने वाले इस खिलाडी ने कहा कि मुझे मैच से पहले चाय बनाने, कपड़े इस्त्री करने जैसे कार्यों से भी खुद को खेल के लिए तैयार करने में मदद मिलती थी। मेरे भाई ने मुझे यह सब सिखाया था, मैं मैच से एक दिन पहले ही अपना बैग तैयार कर लेता था और यह एक आदत सी बन गयी थी। मैंने भारत के लिए खेले अपने आखिरी मैच में भी ऐसा ही किया था।

टॅग्स :सचिन तेंदुलकरभारतीय क्रिकेट टीम

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