Highlightsयूएई के लिए अंडर-19 में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं स्पिनर ऋषभ मुखर्जी 2001 में कोलकाता में जन्मे ऋषभ परिवार के साथ 2006 में दुबई चले गए थे
यूएई के लिए खेल रहे ऑफ स्पिनर ऋषभ मुखर्जी का सपना एक दिन भारत के लिए खेलना है। हालांकि अभी इस युवा क्रिकेटर की नजरें अगले साल खेले जाने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप में यूएई के लिए जोरदार प्रदर्शन करने पर है।
18 मई 2001 को कोलकाता में जन्मे, 18 वर्षीय ऋषभ 2006 में पांच साल की उम्र में अपने परिवार के साथ दुबई शिफ्ट हो गए थे। ऋषभ के पिता भी क्रिकेट खेलते थे, लेकिन वह क्रिकेटर बनने का सपना पूरा नहीं कर पाए। ऋषभ ने इस साल यूएई की अंडर-19 टीम में जगह बनाई और उन्हें वर्ल्ड कप के लिए क्वॉलिफाई करने में मदद की।
अंडर-19 एशिया कप में ऋषभ ने किया शानदार प्रदर्शन
वह श्रीलंका में खेले जा रहे अंडर-19 एशिया कप में भी यूएई के लिए जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं और तीन मैचों में छह विकेट ले चुके हैं, जबकि उनकी टीम बिना एक भी मैच जीते बिना प्रतियोगिता से बाहर हो चुकी है।
अब ऋषभ की नजरें अगले साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीका में खेले जाने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप में दमदार प्रदर्शन करने पर है, जिससे वह भारत के लिए खेलने के अपने सपने की ओर कदम बढ़ा सकें।
ऋषभ मुखर्जी का सपना, भारत के लिए खेलना
भारत के लिए खेलने के सपने पर ऋषभ ने आईएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मेरा सपना भारत के लिए खेलने का है। मैं अंडर-19 वर्ल्ड कप खत्म होने के बाद कोलकाता वापस जाना चाहता हूं और फर्स्ट डिविजन क्लब के जरिए बंगाल की टीम में जगह बनाने की कोशिश करना चाहता हूं।
उन्होंने कहा, 'मैं फिर से शुरुआत करने को तैयार हूं। मैंने घर में कई कोचों से बात की है और उन्होंने मेरा उत्साह बढ़ाया है।'
यूएई के लिए U-19 वर्ल्ड कप, एशिया क्वॉलिफायर में ऋषभ ने छाप छोड़ी
उनका परिवार 2006 से दुबई में रह रहा है, ऐसे में उन्हें यूएई टीम में जगह बनाने में ज्यादा दिक्कतें नहीं हुईं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में इंटर ऐकैडमी लीग में चयनकर्ताओं को प्रभावित करते हुए यूएई टीम में जगह बनाई।
उन्होंने कहा, 'मैं वास्तव में क्लब क्रिकेट की तैयारी कर रहा था क्योंकि मैं कोलकाता वापस जाने की योजना बना रहा था।'
उन्होंने कहा, 'और पिछले दो सालों से मैं कड़ी मेहनत कर रहा था। सौभाग्य से मैंने इंटर ऐकैडमी लीग में गेद से अच्छा प्रदर्शन किया और मुझे यूएई अंडर-19 कैंप के लिए बुलावा आया।'
ऋषभ ने कहा, 'कैंप में दो चयन मैच हुए जिसमें से एक मैंने 5 और एक में चार विकेट लिए। ये सब फरवरी में हुआ था।'
ऋषभ को अप्रैल में कुआलालम्पुर में हुए वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर्स के लिए यूएई अंडर-19 टीम में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा, 'मैंने वहां पांच मैचों में 9 विकेट लिए। हमने वर्ल्ड कप के लिए क्वॉलिफाई कर लिया।'
ऋषभ ने इसके बाद एशिया कप क्वॉलिफायर्स में भी अच्छा प्रदर्शन किया, जो वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर्स के लिए एक हफ्ते बाद हुआ था। उन्होंने कहा, 'वहां मैंने चार मैचों में सात विकेट झटके, एक मैच में मैंने गेंदबाजी नहीं की।'
ऋषभ शुरुआत में फुटबॉलर बनना चाहते थे, लेकिन अस्थमा की वजह से वह इसमें आगे नहीं बढ़ सके। ऋषभ के पिता भी किशोरावस्था में प्रोफेशनल क्रिकेट खेलते थे, लेकिन क्रिकेटर नहीं बन सके, ऐसे में वह चाहते हैं कि उनके दोनों बेटे क्रिकेटर बनें।
ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लायन को अपना आदर्श मानने वाले ऋषभ ने कहा कि वह जल्द ही दुबई की मणिपाल यूनिवर्सिटी में अपनी क्लास लेना शुरू करेंगे।