Ranji Trophy Final, Saurashtra vs Bengal, Day 4: मजूमदार के दम पर बंगाल की उम्मीदें कायम, सौराष्ट्र को 4 विकेट की दरकार

Ranji Trophy 2019-20, Saurashtra vs Bengal, Final: Day 4: कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अब फाइनल का अंतिम और पांचवें दिन का खेल दर्शकों के बिना खेला जायेगा।

By भाषा | Published: March 12, 2020 6:47 PM

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अनुष्तुप मजूमदार के नाबाद 58 रन की मदद से बंगाल रणजी ट्रॉफी फाइनल के चौथे दिन सौराष्ट्र के खिलाफ पहली पारी में बढ़त हासिल करके खिताब हासिल करने की दौड़ में बना हुआ है। बंगाल को पहली पारी की बढ़त हासिल करने के लिये 72 रन की दरकार है और उसके चार विकेट बाकी हैं।

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अब फाइनल का अंतिम और पांचवें दिन का खेल दर्शकों के बिना खेला जायेगा। बंगाल ने स्टंप तक पहली पारी में छह विकेट पर 354 रन बना लिये थे जिसमें मजूमदार ने अर्णब नंदी (82 गेंद में 28 रन बनाकर खेल रहे हैं) के साथ सातवें विकेट के लिये नाबाद 91 रन की साझेदारी निभा ली थी। जयदेव उनादकट की गेंद उंगली में लगने के बावजूद नंदी क्रीज पर डटे रहे।

मजूमदार क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल दोनों में बंगाल के तारणहार साबित हुए थे और एक बार फिर उन्होंने टीम को बचाने में अहम भूमिका निभायी जिसमें नंदी से उन्हें पूरा सहयोग मिला जिन्होंने शाम के पूरे सत्र में बल्लेबाजी करते हुए पांचवें दिन मैच को बराबर की टक्कर में ला दिया है।

घरेलू टीम को खराब क्षेत्ररक्षण का खामियाजा भुगतना पड़ा जिसने अंतिम सत्र में बंगाल को आसानी से रन जुटाने दिये और मेहमान टीम ने 90 रन जोड़ लिये थे। हार्विक देसाई ने पहली स्लिप में मजूमदार का आसान कैच गिरा दिया तब वह 10 रन पर थे जो टीम के लिये महंगा साबित हुआ। चौथे दिन बंगाल ने सुबह और शाम के सत्र में कब्जा जमाया जबकि दोपहर के सत्र में सौराष्ट्र ने तीन विकेट चटकाये।

बंगाल ने तीन विकेट पर 134 रन से खेलना शुरू किया। सुदीप चटर्जी (241 गेंद में 81 रन) और ऋद्धिमान साहा (184 गेंद में 64 रन) ने 101 रन की भागीदारी निभायी जिसके लिये दोनों ने 49 ओवर बल्लेबाजी की। उन्होंने सुबह के सत्र में सौराष्ट्र के गेंदबाजों को काफी हताश किया और 29 ओवरों में 89 रन जोड़े। गेंद नीची रह रही थी जिससे सौराष्ट्र के गेंदबाजों ने स्टंप को निशाना बनाने की रणनीति अपनायी। लेकिन 47 रन पर बल्लेबाजी के लिये उतरे चटर्जी ने अच्छा रक्षात्मक खेल दिखाया और साहा ने भी उनका साथ निभाया।

भारतीय टेस्ट विकेटकीपर का यह सत्र का पहला रणजी मैच है, वह सौराष्ट्र के मुख्य तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट की पगबाधा की दो अपील पर डीआरएस में बचने में सफल रहे और एक बार एक रन लेने के प्रयास में रन आउट से बचे। जब वह 46 रन पर थे तो गली में कैच छूटने से उन्हें जीवनदान मिला क्योंकि यह गेंद चौके लिये चली गयी जिससे उनका अर्धशतक पूरा हुआ। डीआरएस फिर चर्चा का विषय रहा, जिसमें दोनों फैसले गेंदबाज उनादकट के खिलाफ रहे जबकि दोनों अवसरों पर बल्लेबाज साहा ही थे।

सौराष्ट्र को लंच के बाद आठवें ओवर में सफलता चटर्जी के रूप में मिली जिन्हें धर्मेंद्रसिंह जडेजा ने आउट किया। सौराष्ट्र ने इसके बाद बंगाल पर दबदबा बनाना शुरू किया। इसके बाद साहा भी मध्यम गति के गेंदबाज प्रेरक मांकड़ को विकेट दे बैठे। दोपहर के सत्र के अंत में चेतन सकारिया ने शाहबाज अहमद के स्टंप उखाड़े जिससे स्कोर छह विकेट पर 263 रन हो गया। इस तरह से सौराष्ट्र ने 28 ओवर में केवल 46 रन देकर तीन अहम विकेट झटके।

टॅग्स :रणजी ट्रॉफीचेतेश्वर पुजाराबीसीसीआई

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