No Handshake, No Eye Contact: पाकिस्तान ने एशिया कप के मैच के अंत में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा हाथ न मिलाने के खिलाफ एशियन क्रिकेट काउंसिल में विरोध दर्ज कराया है। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तान के सलमान आगा ने रविवार को यहां एशिया कप ग्रुप ए मुकाबले के टॉस के दौरान हाथ नहीं मिलाया। आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मैचों से पहले सिक्का उछालने के दौरान खेल भावना के अंतर्गत दोनों टीमों के कप्तानों के बीच हाथ मिलाना एक परंपरा है, लेकिन कोई नियम नहीं है। भारत और पाकिस्तान दोनों टीमों के कप्तानों ने हाथ नहीं मिलाया और दोनों ने एक दूसरे से नजरें भी नहीं मिलाईं। मैच खत्म होने के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने कतार में खड़े अपने पाकिस्तानी समकक्षों से पारंपरिक तरीके से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।
पाकिस्तान ने एशिया कप मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों का उनके खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार करने को लेकर एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) में विरोध दर्ज कराया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने रविवार देर रात जारी किए गए एक बयान में सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली टीम की सात विकेट से जीत के बाद भारतीय टीम के व्यवहार को ‘‘खेल भावना के अनुरूप नहीं’’ करार दिया।
पीसीबी के बयान में कहा गया, ‘‘टीम मैनेजर नवीद चीमा ने भारतीय खिलाड़ियों के हाथ न मिलाने के व्यवहार पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। इसे खेल भावना के प्रति अनुचित और खेल के खिलाफ माना गया। इसके विरोध में हमने अपने कप्तान को मैच के बाद के पुरस्कार वितरण समारोह में नहीं भेजा। ’’ यह संबंध में भारतीय कप्तान सूर्यकुमार ने कहा था कि विपक्षी टीम के खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने का निर्णय अप्रैल में पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने का उनका तरीका है।
कश्मीर में हुए कायराना हमले और उसके बाद मई में सीमा पार आतंकी ढांचे पर भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमें क्रिकेट के मैदान पर आमने-सामने थीं। यह मुकाबला एकतरफा रहा और भारत ने पाकिस्तान को खेल के हर विभाग में मात दी।
दोनों कप्तानों ने जिम्बाब्वे के मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को अपनी टीम की शीट सौंपी, सिक्का उछाल रहे टीवी कमेंटेटर रवि शास्त्री से बात की और अपनी दिशाओं में वापस लौट गए। पाकिस्तानी कप्तान ने तो टीवी प्रस्तुतिकरण समारोह का भी बहिष्कार कर दिया। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस रस्म से परहेज क्यों किया।
उन्होंने हाथ नहीं मिलाने के फैसले पर कहा, ‘‘हमने यह फैसला लिया क्योंकि हम यहां सिर्फ खेलने आए थे। हमने इसका उचित जवाब दिया। सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘हम बीसीसीआई और सरकार के साथ हैं। कुछ चीजें खेल भावना से आगे होती हैं। हम पहलगाम आतंकी हमले के सभी पीड़ितों के साथ खड़े हैं और इस जीत को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हिस्सा लेने वाले सशस्त्र बलों को समर्पित करते हैं। ’’
इस साल अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमलों के बाद यह पहली बार है जब चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान किसी क्रिकेट मैच में आमने-सामने हैं। भारत ने इस आंतकी हमले के बाद मई में सीमा पार जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। पिछले महीने भारत ने एक नयी खेल नीति की घोषणा की जिसके अंतर्गत उसकी टीमों और खिलाड़ियों को पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी लेकिन वे बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में एक दूसरे से खेल सकते हैं।
इस नीति ने भारतीय खिलाड़ियों के पाकिस्तान जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया और पड़ोसी देश की टीमों और व्यक्तिगत खिलाड़ियों की मेजबानी करने से इनकार कर दिया। इस मुकाबले से पहले भारतीय खेमे ने कहा था कि खिलाड़ियों का ध्यान खेल पर लगा है और वे लोगों की भावनाओं और संवेदनाओं से वाकिफ हैं लेकिन इस मुकाबले को पेशेवर रूप से खेलने के लिए उन्होंने इन्हें पीछे छोड़ दिया है।