किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक और बिजनेसमैन नेस वाडियो (47) को ड्रग्स रखने के लिए मंगलवार (30 अप्रैल) को जापान की सप्पोरो कोर्ट द्वारा दो साल जेल की सजा सुनाई गई, हालांकि बाद में उनकी सजा पांच साल के लिए निलंबित कर दी गई।
फाइनेंशनल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सजा के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) नेस वाडिया की आईपीएल मान्यता रदद् करते हुए आगे की कार्रवाई के लिए मामले को बीसीसीआई लोकपाल को सौंपने पर विचार कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेस वाडिया को मिली सजा का मतलब है कि वाडिया की आईपीएल फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। आईपीएल के संचालन नियमों के अनुच्छेद 14 की धारा 2 के मुताबिक, कोई भी टीम का अधिकारी मैदान के अंदर बाहर ऐसा काम नहीं कर सकता है, जिससे टीम, आईपीएल, बीसीसीआई या खेल की छवि धूमिल हो। अगर उस व्यक्ति को दोषी पाया जाता है तो उस टीम को निलंबित किया जा सकता है।
इसके लिए वाडिया के मामले के पहले जांच के लिए कमिशन के पास भेजे जाने की जरूरत होगी, इसके बाद कमिशन अपनी रिपोर्ट लोकपाल को सौंपेगा। आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बीसीसीआई अधिकारी के चेन्नई सुपरकिंग्स का उदाहरण देते हुए कहा कि किंग्स इलेवन पंजाब की टीम गंभीर संकट में घिरी है। चेन्नई सुपरकिंग्स टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन के स्पॉट फिक्सिंग में फंसने की वजह से दो साल के लिए आईपीएल से बाहर हुई थी।
रद्द हो सकती है नेस वाडिया की आईपीएल मान्यता
आईपीएल के अनुच्छेद 14 की धारा 2 के मुताबिक, लोकपाल या कमिशन किसी टीम या फ्रेंचाइजी को सस्पेंड कर सकती है, अगर उससे जुड़े किसी व्यक्ति/अधिकारी ने इस धारा का उल्लंघन किया है।
इससे पहले भी लोढ़ा कमिटी ने स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की वजह से चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा पर आजीवन बैन लगाते हुए उनकी टीमों को दो साल के लिए आईपीएल से निलंबित कर दिया था। इन दोनों को ही आईपीएल, बीसीसीआई और खेल की छवि धूमिल करने की सजा मिली थी, साथ में उनकी टीमों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ा।
इस मामले में न तो बीसीसीआई और न ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
वाडिया ग्रुप के प्रवक्ता ने दी सफाई
वाडिया ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा, 'निर्णय स्पष्ट है, ये एक निलंबित सजा है। तो इससे नेस वाडिया की किसी भी जिम्मेदारी के निर्वाहन में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और इसलिए वह समूह के अंदर और बाहर अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।'
रिपोर्ट के मुताबिक सप्पोरो कोर्ट ने कहा, 'वाडिया ग्रुप के चेयरमैन नुस्ली वाडिया के बेटे नेस वाडिया, जो परिवार के कई समूहों के डायरेक्टर हैं, ने ड्रग्स को रखने की बात स्वीकार की थी, और तर्क दिया था कि ये ड्रग उनके निजी उपयोग के लिए था।'
प्रीति जिंटा ने भी दर्ज कराया था नेस वाडिया के खिलाफ केस
ये पहली बार नहीं है जब नेस वाडिया पर कानूनी शिकंजा कसा है। अभिनेत्री और किंग्स इलेवन पंजाब की सह-मालकिन, प्रीति जिंटा ने 20 मई 2014 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुए एक मैच के दौरान नेस वाडिया पर छेड़छाड़ और धमकी देने का आरोप लगाते हुए मरीन डाइव पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अक्टूबर 2018 में ये एफआईआर खारिज कर दी थी।