U-19 वर्ल्ड कप जीत के 7 साल बाद भी नहीं मिली टीम इंडिया में जगह, उन्मुक्त चंद ने कहा, 'कोहली-पृथ्वी शॉ से अलग है मेरा सफर'

Unmukt Chand: 2012 में अपनी कप्तानी में अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जिताने वाले उन्मुक्त चंद ने कहा है कि उनकी यात्रा कोहली और शॉ से अलग है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 4, 2019 09:13 AM2019-09-04T09:13:31+5:302019-09-04T09:15:36+5:30

My journey is very different from Virat Kohli and Prithvi Shaw, says Unmukt Chand | U-19 वर्ल्ड कप जीत के 7 साल बाद भी नहीं मिली टीम इंडिया में जगह, उन्मुक्त चंद ने कहा, 'कोहली-पृथ्वी शॉ से अलग है मेरा सफर'

उन्मुक्त चंद अब तक टीम इंडिया के लिए डेब्यू का इंतजार कर रहे हैं

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Highlightsभारत ने 2012 में उन्मुक्त चंद की कप्तानी में जीता था अंडर-19 वर्ल्ड कपउन्मुक्त चंद इस ऐतिहासिक जीत के 7 साल बाद भी टीम इंडिया के लिए डेब्यू नहीं कर पाए हैंउन्मुक्त चंद अब दिल्ली से उत्तराखंड शिफ्ट हो गए हैं और उसकी कप्तानी करेंगे

2012 में वर्ल्ड कप जीतने वाली अंडर-19 टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद के लिए माना गया था कि वह जल्द ही भारत के लिए खेलेंगे और विराट कोहली और मोहम्मद कैफ की तरह ही कामयाब खिलाड़ी बनेंगे। 

लेकिन उस जोरदार कामयाबी के 7 साल बीत जाने के बाद भी उन्मुक्त चंद अब भी भारत के लिए अपना डेब्यू नहीं कर सके हैं। 

U-19 वर्ल्ड कप जीत के 7 साल बाद भी डेब्यू नहीं कर पाए उन्मु्क्त चंद

इस दौरान हनुमा विहारी और संदीप शर्मा जैसे उनके साथी खिलाड़ी भारत के लिए अपना डेब्यू कर चुके हैं लेकिन उन्मुक्त अब भी इंटरनेशनल स्तर पर चमकने का इंतजार कर रहे हैं। अपने करियर को पटली पर लाने की कोशिश में उन्मुक्त अब दिल्ली से उत्तराखंड शिफ्ट हो गए हैं।

इस स्टार बल्लेबाज ने अंडर-19 वर्ल्ड कप की कामयाबी के बाद अपने करियर में आई गिरावट के बावजूद अब भी टीम इंडिया के लिए खेलने की उम्मीद छोड़ी नहीं है। हालांकि वह कहते हैं उनकी यात्रा विराट कोहली और पृथ्वी शॉ से अलग होगी। 
 
अंडर-19 वर्ल्ड कप जीत बेहद खास है मेरे लिए: उन्मुक्त

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्मुक्त चंद ने कहा, 'अंडर-19 वर्ल्ड कप जीत के सात साल हो चुके हैं। उसके बाद से कई चीजें बदल गईं। वह मेरे लिए बेहद खास लम्हा था। मैं एक बड़े टूर्नामेंट में भारतीय टीम की कप्तानी करने और उसे खिताब जिताने के लिए खुद को भाग्यशाली महसूस करता हूं। यह लम्हा हमेशा मेरे दिल में कैद रहेगा। ये हमेशा मेरी लिस्ट में सबसे ऊपर रहेगा। ये अहसास अविश्वसनीय है।'

26 वर्षीय उन्मुक्त चंद ने घरेलू क्रिकेट में अब तक 60 प्रथम श्रेणी मैचों में 8 शतक और 15 अर्धशतकों की मदद से 3184 रन और 114 लिस्ट-ए मैचों में 7 शतक और 29 अर्धशतकों की मदद से 4248 रन बनाए हैं। 

कोहली और शॉ से अलग है मेरी यात्रा: उन्मुक्त

उन्होंने कहा, 'लेकिन ये समय आगे बढ़ने का है। मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं और अपने देश के लिए खेलना चाहता हूं। मैं महज 26 साल का हूं। मैं शारीरिक रूप से फिट हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि मैं (भारतीय सीनियर टीम के लिए) खेलूंगा। यही मेरा अंतिम लक्ष्य है। बाकी भगवान के हाथ में है। कई बार इसमें समय लगता है और कई बार ये जल्दी होता है।'

इस युवा बल्लेबाज ने कहा, 'अपनी यात्रा की तुलना किसी और से मत कीजिए। कई लोग इसे जल्दी हासिल कर लेते हैं जैसे विराट (कोहली) और पृथ्वी (शॉ) ने किया। मेरी यात्रा बहुत अलग है। मैं अपनी खुद की यात्रा जीना चाहता हूं। मैं अपना खुद का रास्ता और नाम बनाना चाहता हूं। बस। यही सपना है (भारत के लिए खेलना)। मैं इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं और मुझे पूरा यकीन है कि मैं वहां जल्द पहुंच जाऊंगा।'

उन्मुक्त चंद दिल्ली क्रिकेट असोसिएशन से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) मिलने के बाद अब उत्तराखंड की कप्तानी करेंगे।

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