मुंबई क्रिकेट असोसिएशन (एमसीए) ने सख्त कदम उठाते हुए मुंबई अंडर-19 टीम के कप्तान मुशीर खान पर तीन साल का बैन लगा दिया है। मुशीर पर ये बैन उनकी अनुशासनहीनता और टीम के एक साथी खिलाड़ी द्वारा एक हफ्ते पहले हुई विजय मर्चेंट ट्रॉफी द्वारा उनके ऊपर लगाए गए 'अश्लील व्यवहार' की वजह से लगाया गया है।
इस बैन की वजह से ये 14 वर्षीय ऑलराउंडर, जो बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी करता है, एमसीए के किसी भी टूर्नामेंट में किसी भी स्तर पर खेलने के योग्य नहीं होंगे।
ये बैन इस प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी के लिए बड़ा झटका है, जिसे 2013 में पृथ्वी शॉ के साथ एमसीए के फंक्शन में महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया था।
मुशीर खान के टीम के साथी खिलाड़ी वेदांत गड़िया ने विजय मर्चेंट ट्रॉफी के क्वॉर्टर फाइनल के दौरान उन पर 'अश्लील व्यवहार' का आरोप लगाते हुए एमसीए से शिकायत की थी। मुशीर खान भारत की अंडर-19 टीम और मुंबई और आईपीएल टीम आरसीबी के खिलाड़ी सरफराज खान के छोटे भाई हैं।
इस शिकायत के बाद एमसीए ने टीम मैनेजर विग्नेश कदम से इस मामले में एक आधिकारिक रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले में जांच हुई और गुरुवार को एमसीए ऑफिस में हुई ऐड-हॉक कमिटी की बैठक में वेदांत गड़िया, मुशीर खान, टीम के दो अन्य खिलाड़ियों वरुण राव, सौरभ सिंह, मैनेजर कदम, कोच संदेश काले और चयनकर्ता अतुल रानाडे को बुलाया गया था।
समिति ने उन्हें खराब आचरण का दोषी पाया, जिससे संघ का नाम खराब हुआ। इस फैसले के बाद एमसीए के संयुक्त सचिव उन्मेश खनविलकर ने कहा, 'हमने मामले की गंभीरता को देखते हुए ये फैसला लिया। हमारे मन में उस लड़के (मुशीर) के प्रति सहानुभूति है लेकिन जब अनुशासन की बात आती है तो हमको कहीं न कहीं लाइन खींचनी ही पड़ती है। कप्तान होने के नाते उन्हें उदाहरण पेश करना चाहिए था।'
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुशीर के पिता और उनके कोच नौशाद ने कहा, 'हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।'
एमसीए पर भड़कते हुए मैनेजिंग कमिटी के पूर्व सदस्य और मुंबई स्कूल स्पोर्ट्स असोसिएशन (MSSA) के संयुक्त सचिव नदीम मेमन ने कहा, ये एक लड़का एक असाधारण प्रतिभा है। ये निजी द्वेष का मामला है। उसे सिर्फ एक चेतावनी देकर छोड़ा जा सकता था। वह उसे कारण बताओ नोटिस दिए बिना ही कैसे बैन सक सकते हैं।'