विश्व कप 2011 फाइनल को लेकर धोनी का खुलासा, बताया- क्यों किया था खुद को बैटिंग में प्रमोट

क्रिकेट विश्वकप 2011 के फाइनल में टीम के कप्तान एमएस धोनी इसलिए ऊपरी क्रम पर बल्लेबाजी करने आए थे।

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 22, 2018 10:26 AM2018-11-22T10:26:50+5:302018-11-22T10:26:50+5:30

MS Dhoni reveals why he promoted himself in 2011 World Cup final | विश्व कप 2011 फाइनल को लेकर धोनी का खुलासा, बताया- क्यों किया था खुद को बैटिंग में प्रमोट

महेंद्र सिंह धोनी

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नागपुर, 21 नवंबर। क्रिकेट विश्वकप 2011 के फाइनल में टीम के कप्तान एमएस धोनी इसलिए ऊपरी क्रम पर बल्लेबाजी करने आए थे, क्योंकि श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के खतरनाक स्पेल का सामना करके उन्हें भारत को चैंपियन बनाना था। धोनी इसमें सफल रहे। बुधवार को अपनी अकादमी के उद्घाटन अवसर पर बच्चों से के सवालों के जवाब देते हुए धोनी ने यह खुलासा किया।

शुरुआती झटके से मुश्किल में थी टीम इंडिया

2011 विश्वकप में धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे और फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 275 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब (31 पर दो विकेट) रही थी। वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर दोनों को मलिंगा लौटा चुके थे। इसके बाद विराट कोहली (35) भी आउट हुए। भारत का स्कोर तीन विकेट पर 114 रन हो गया था।

धोनी ने खुद को किया प्रमोट और टीम को बनाया चैंपियन

धोनी ने ऐसे समय में खुद को प्रमोट किया और बैटिंग के लिए ऊपर आे। इसके बाद ओपनर गौतम गंभीर (97) के साथ मोर्चा संभाला टीम को विजेता बनाया। टूर्नामेंट में धोनी खास फॉर्म में नहीं थे, लेकिन 79 गेंदों पर 91 रन की अविजीत पारी उन्होंने खेली।

मुरलीधरन से निपटने के लिए धोनी आए थे ऊपर

इस बारे में एक छात्रा के सवाल पर धोनी ने कहा, ''उस समय काफी बातें थीं। मुथैला मुरलीधरन (आठ ओवर में 39 रन) हावी हो रहे थे। उन्हें खेलना मुश्किल हो रहा था, लेकिन मैं उनका सामना करने के लिए अभ्यस्त था। '' धोनी ने कहा, ''मुरलीधरन आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स का हिस्सा थे। मैं उनके खिलाफ अभ्यास करता था। मुझे लगा कि मैं मुरलीधरन को अच्छे से खेल लूंगा और मैंने ऊपर आने का फैसला किया।

टी-20 में जोगिंदर शर्मा को क्यो दी गेंदबाजी

2007 में टी-20 विश्वकप फाइनल के बारे में एक छात्र ने धोनी से पूछा कि आपने अंतिम ओवर जोगिंदर शर्मा को क्यों दिया। धोनी ने कहा कि मुकाबले में हरभजन सिंह को छोड़ किसी के भी ओवर नहीं बचे थे। चूंकि मिस्बाह उल हक ने हरभजन की धुलाई कर दी थी, इसलिए उन्हें गेंद सौंपना खतरे से खाली नहीं था। इसी वजह से जोगिंदर से अंतिम ओवर कराने का फैसला किया गया।

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