भारतीय पिचों के लेकर मचे हल्ले पर माइकल कास्प्रोविच बोले- ऑस्ट्रेलिया को उनके अनुरूप ढलना होगा, पिचों को लेकर मची ‘हाइप’ समझ से परे

भारत की स्पिन पिचों को लेकर मचे हायतौबे पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविच का कहना है कि पिचों को लेकर मची ‘हाइप’ समझ से परे है। कास्प्रोविच का कहना है कि ये विशुद्ध भारतीय विकेट हैं और ऑस्ट्रेलिया को उनके अनुरूप ढलना होगा।

By शिवेंद्र राय | Published: March 6, 2023 04:47 PM2023-03-06T16:47:31+5:302023-03-06T16:49:07+5:30

Michael Kasprowicz said on the ruckus about Indian pitches – Australia will have to adapt to them | भारतीय पिचों के लेकर मचे हल्ले पर माइकल कास्प्रोविच बोले- ऑस्ट्रेलिया को उनके अनुरूप ढलना होगा, पिचों को लेकर मची ‘हाइप’ समझ से परे

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविच

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Highlightsभारत की स्पिन पिचों को लेकर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने खूब हल्ला मचायालेकिन माइकल कास्प्रोविच का कहना है कि पिचों को लेकर मची ‘हाइप’ समझ से परे है कास्प्रोविच ने कहा- ये विशुद्ध भारतीय विकेट हैं और ऑस्ट्रेलिया को उनके अनुरूप ढलना होगा

नई दिल्ली: बार्डर-गावस्कर सीरीज के दौरान भारत की स्पिन पिचों को लेकर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने खूब हल्ला मचाया। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविच का कहना है कि अगर भारत में खेलना है तो खिलाड़ियों को ऐसी विकेट के अनुरूप खुद को ढालना होगा। 

माइकल कास्प्रोविच का मानना है कि  पिचों को लेकर मची ‘हाइप’ समझ से परे है। कास्प्रोविच ने ‘द ऐज’ से एक बातचीत में कहा, "मुझे यह हाइप समझ में नहीं आ रही। ये पारंपरिक भारतीय विकेट हैं और पता नहीं इन्हें लेकर इतना हल्ला क्यों हो रहा है। इंदौर टेस्ट में विकेट ज्यादा टर्न ले रहा था, लेकिन संभव है कि मैच सुबह जल्दी शुरू होने के कारण शायद थोड़ी नमी रही हो। दिन में बाकी समय उतना टर्न नहीं मिल रहा था। ये विशुद्ध भारतीय विकेट हैं और ऑस्ट्रेलिया को उनके अनुरूप ढलना होगा।"

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ने आगे कहा, "मुझे 1998 का बेंगलुरू टेस्ट याद है, जहां सूखी पिच दिख रही थी। उस पर कोई घास नहीं थी लेकिन दरारें थी। आपको हालात से सामंजस्य बिठाना होता है। आखिर यह टेस्ट क्रिकेट है।"

बता दें कि पिच को लेकर मची ये हायतौबा पहली बार नहीं है। इससे पहले इंदौर की पिच को लेकर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर आमने-सामने आ चुके हैं। दरअसल आईसीसी ने इंदौर के होल्कर स्टेडियम को 'खराब' पिचों की श्रेणी में रखा। इस पिच पर भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा था। पहले ही दिन से पिच की हालत ये थी कि घूमती गेंदों के सामने भारत का पहली पारी 109 रनों पर ही सिमट गई थी।

आईसीसी द्वारा पिच को खराब की श्रेणी में रखे जाने पर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर नाराज दिखे और आईसीसी को जमकर लताड़ लगाई थी।  गावस्कर ने गाबा में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए नोवाक टेस्ट मैच को याद किया, जो दो दिनों में ही खत्म हो गया था। गावस्कार ने कहा,  "एक बात मैं जानना चाहता हूं, ब्रिसबेन गाबा में नवंबर में यह टेस्ट मैच था, जहां मैच 2 दिनों में समाप्त हो गया। उस पिच को कितने डिमेरिट पॉइंट मिले और वहां मैच रेफरी कौन था?' मुझे लगता है कि 3 डिमेरिट पॉइंट थोड़े कठोर हैं, क्योंकि इस पिच खतरनाक नहीं थी। पिच में टर्न जरूर थी।"

इसके जवाब में  ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर मार्क टेलर ने कहाकि इंदौर की पिच वास्तव में खराब थी। यह पिच लॉटरी से कम नहीं थी। ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर इस पिच पर हावी रहे और यह मुकाबला भारत के पक्ष में नहीं गया। मार्क टेलर कहा कि गाबा की पिच पर ग्राउंड्समैन ने घास छोड़ी हुई थी। इससे साउथ अफ्रीका के गेंदबाजों को ही फायदा होता क्योंकि उनके पास 4 बेहतरीन तेज गेंदबाज थे, इसलिए मुझे नहीं लगता गाबा की पिच में कोई खराबी थी।
 

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