चीन के साथ तनाव, आईपीएल गवर्निंग काउंसिल करेगी वीवो के साथ 440 करोड़ रुपये सालाना की स्पॉन्सरशिप डील की समीक्षा

IPL Sponsorship Deal: आईपीएल गवर्निंग काउंसिल चीन के साथ सीमा पर झड़प के बाद वीवो समेत बाकी कंपनियों के साथ स्पॉन्सरशिप डील की समीक्षा के लिए करेगी बैठक

By अभिषेक पाण्डेय | Published: June 20, 2020 7:23 AM

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ठळक मुद्देवीवो 2022 तक आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर है, सालाना 440 करोड़ का करारआईपीएल गवर्निंग काउंसिल अगले हफ्ते करेगी इस डील समेत अन्य सौदों की समीक्षा

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) गवर्निंग काउंसिल अगले हफ्ते इस लीग से जुड़े विभिन्न स्पॉन्सरसिप डील की समीक्षा के लिए बैठक करेगी। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल 2022 में खत्म हो रहे वीवो के 440 करोड़ रुपये सालाना के टाइटल स्पॉन्सरशिप डील की भी समीक्षा करेगा। 

आईपीएल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शुक्रवार रात को जारी बयान के मुताबिक, 'सीमा झड़प को ध्यान में रखते हुए जिसकी वजह से हमारे बहादुर जवानों की शहादत हुई, आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने आईपीएल के विभिन्न प्रायोजन सौदों की समीक्षा के लिए अगले सप्ताह एक बैठक बुलाई है।'

सीमा पर झड़प के बाद देश में चीन विरोधी भावनाएं प्रबल

इससे पहले बीसीसीआई ट्रेजरर अरुण धूमल ने कहा था कि बोर्ड अगले साइकिल के लिए अपनी स्पॉन्सरशिप डील की समीक्षा को तैयार है लेकिन उसकी अपने वर्तमान शीर्षक प्रायोजक वीवो के साथ करार खत्म करने की कोई योजना नहीं है क्योंकि पैसा चीनी कंपनी से आ रहा है और इससे भारत को फायदा हो रहा है।

इस हफ्ते की शुरुआत में लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई झड़प के बाद से देश में चीन विरोधी भावनाएं प्रबल हो गई हैं। भारत-चीन के बीच करीब चार दशक में हुई इस पहली हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही देश में चीनी सामानों को बहिष्कार की मांग जारी है।

वीवो से पहले चीनी मोबाइल कंपनी ओपो पिछले साल सितंबर तक भारतीय टीम की स्पॉन्सरशिप थी, जिसकी जगह बेंगलुरु स्थित एजूकेशनल टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप ने ली थी।

आईपीएल 2020 को 29 मार्च से खेला जाना था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से ये टी20 लीग अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।

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