IPL में कैसे होती है टीम के मालिकों की कमाई, क्या आप जानते हैं?

IPL में ब्रांड की वैल्यू बहुत है। फ्रेंचाइजी के मालिक फिल्मी दुनिया से जुड़े हुए हैं। जैसे शाहरुख खान, प्रीति जिंटा है। जब ये सुपरस्टार क्रिकेट के मैदान पर होते हैं, तो ग्लैमर का और भी ज्यादा तड़का लगता है, जो अपनी ओर प्रायोजकों को खींचता है।

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: March 13, 2019 7:28 AM

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इंडियन प्रीमियर लीग-2019 की शुरुआत 23 मार्च से होने जा रही है। फैंस टूर्नामेंट को लेकर काफी उत्सुक हैं। आईपीएल में करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल आता है कि टीम के मालिकों की कमाई आखिरकार होती कैसे है, तो आईए, हम आपको इस पूरी जानकारी देते हैं।

खिलाडियों की जर्सी: सभी खिलाड़ियों, यहां तक कि टीम के स्टाफ की जर्सी तक में विज्ञापन छपे रहते हैं। इसके अलावा उनके हेलमेट पर भी इसे देखा जा सकता है। कंपनियां इनके लिए करोड़ों रुपये खर्च करती हैं। स्‍पॉन्‍सर्स, टीम खिलाडि़यों के साथ कुछ कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं, जिसके जरिए वह अपने ब्रांड को प्रमोट करते हैं। कुल कमाई में स्‍पॉन्‍सरशिप का हिस्‍सा 20-30 फीसदी होता है।

ब्रांड वैल्यू: IPL में ब्रांड की वैल्यू बहुत है। फ्रेंचाइजी के मालिक फिल्मी दुनिया से जुड़े हुए हैं। जैसे शाहरुख खान, प्रीति जिंटा है। जब ये सुपरस्टार क्रिकेट के मैदान पर होते हैं, तो ग्लैमर का और भी ज्यादा तड़का लगता है, जो अपनी ओर प्रायोजकों को खींचता है।

नए ब्रांड लगाते हैं जमकर पैसा: आईपीएल के हर सीजन में नए ब्रांड खूब पैसा खर्च करते हैं। उदाहरण के लिए बीते सीजन वीवो ने भारतीय मार्केट में अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए आईपीएल पर 768 करोड़ रुपए खर्च किए थे।

मीडिया राइट्स: किसी भी मीडिया चैनल को आईपीएल के दौरान मैचों के प्रसारण के लिए बीसीसीआई से राइट्स खरीदने पड़ते हैं। ये नियम ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के लिए भी लागू होता है। चैनल मोटी रकम बीसीसीआई को देते हैं, जिससे अपना शेयर निकाल बाकी टीमों के मालिकों को बीसीसीआई देता है।

टिकट: फैंस मैच देखने इस दौरान स्टेडियम जाते हैं। इस दौरान कुछ फैंस सामान्य, तो कुछ मंहगे टिकट खरीदते हैं। टिकटों के जरिए आईपीएल में जमकर कमाई की जाती है।

मर्चेंडाइज: आईपीएल के दौरान टीमें मर्चेंडाइज के जरिए शानदार कमाई करती हैं। इनमें जर्सी, टी-शर्ट, टोपी, जूते, बैकपेक्स, की चैन, फैन कैप, बॉटल चिलर्स, कलेक्टिबल्स, चियरिंग स्टिक्स, टैटूज, रिस्ट बैंड और ट्रमपेट मर्चेंडाइज के तौर पर उपलब्ध होते हैं।

स्‍टॉल: मैच के दौरान फूड स्‍टॉल कॉन्‍ट्रैक्‍ट आधार पर थर्ड पार्टी को मिलते हैं, जो इन्‍हें सब-कॉन्‍ट्रैक्‍ट के रूप में देती है। यह स्‍टॉल प्रति मैच प्रति स्‍टॉल एक तय कीमत पर दिए जाते हैं।

प्राइज मनी: आईपीएल की विजेता और उप-विजेता दोनों ही टीमों को प्राइज मनी दी जाती है, जिससे फ्रेंचाइजी के मालिक की अच्छी कमाई होती है।

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