प्रशासकों की समिति (सीओए) ने आईपीएल फाइनल की मेजबानी चेन्नई के पास बरकरार रखने के लिए आवश्यक मंजूरी हासिल करने के लिए टीएनसीए को एक सप्ताह का समय दिया है। सीओए के अलावा बीसीसीआई के तीन पदाधिकारियों की राजधानी में बैठक में हुई, जिसमें आईपीएल और क्रिकेट संचालन से जुड़े कई मसलों पर चर्चा की गई।
दिल्ली में हुई सीओए की बैठक में आईपीएल फाइनल को लेकर भी फैसला किया गया जो मजबूत चेन्नई सुपरकिंग्स को नागवार गुजर सकता है। बीसीसीआई ने 12 मई को होने वाले फाइनल के लिए हैदराबाद को स्टैंडबाई स्थल के रूप में रखा है।
चेपक में तीन खाली स्टैंडों -आई, जे और के- का मसला 2012 से उठ रहा है तथा तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) जब भी मैचों का आयोजन (आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय) करता है तो ये स्टैंड खाली रहते हैं, क्योंकि स्थानीय नगर निगम से इनको लेकर अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिला है।
इस बीच केवल दिसंबर 2012 में खेला गया वनडे अपवाद था, क्योंकि तब भारत का सामना पाकिस्तान से था और कई का मानना है कि मामला तब राज्य सरकार और टीएनसीए के बीच अधिक राजनीतिक था।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, 'इन तीन स्टैंड की क्षमता 12 हजार दर्शकों की है और यह वास्तव में अजीब लगता है जब टीवी पर इन खाली स्टैंड को दिखाया जाता है। हम नहीं चाहते कि चेन्नई को प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने पर घरेलू मैदान पर खेलने का मौका नहीं मिले, लेकिन हमने उन्हें मंजूरी हासिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।'
उन्होंने कहा, 'अगर वे प्रमाणपत्र हासिल करने में नाकाम रहते हैं तो फाइनल हैदराबाद में तथा प्लेऑफ और एलिमिनेटर बेंगलुरु में आयोजित किए जाएंगे। सनराइजर्स 2018 का उपविजेता है और इसलिए वे फाइनल की मेजबानी करेंगे।'
इस बीच सीओए ने मिनी महिला आईपीएल के प्रारूप पर भी फैसला किया जिसमें तीन टीमें भाग लेंगी। पिछले साल की तरह एकमात्र प्रदर्शनी मैच के बजाय इस बार इसमें चार मैच खेले जाएंगे।
सूत्रों ने कहा, ‘‘मैचों का आयोजन रात आठ बजे से होगा। एक मैच विशाखापट्टनम में, जबकि अन्य मैच संभवत: बेंगलुरु में खेले जाएंगे।' (भाषा से इनपुट)