नई दिल्ली, 1 जून: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-2018 के प्लेऑफ में केवल दो भारतीय को कॉमेंट्री टीम में शामिल किए जाने को लेकर विवाद छिड़ गया है। कई पूर्व खिलाड़ियों ने बीसीसीआई के रवैये की आलोचना की है। प्लेऑफ के दौरान अंग्रेजी कॉमेंट्री के लिए केवल दो भारतीय सुनील गावस्कर और संजय मांजरेकर को मौका दिया गया था।
इसके अलावा पांच पूर्व विदेशी क्रिकेटरों को इस कॉमेंट्री टीम में जगह दी गई। इनमें माइकल क्लार्क, ग्रीम स्मिथ, साइमन डल, माइकल स्लेटर और मैथ्यू हेडन जैसे पूर्व खिलाड़ी हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने इस मुद्दे को बीसीसीआई के बड़े अधिकारियों के सामने उठाया है। खासकर कुछ खिलाड़ी बीसीसीआई के एक अधिकारी के उस कथित बयान से नाराज हैं जिसमें अधिकारी ने यह कहा था विदेशी कॉमेंटेटर के मुकाबले भारतीय उतने अच्छे नहीं हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार बोर्ड के एक अधिकारी ने यह कमेंट आधिकारिक ब्रॉडकास्टर के साथ निजी बैठक में किया था। (और पढ़ें- ईडी ने BCCI, एन श्रीनिवासन, ललित मोदी पर लगाया 121 करोड़ रुपये का जुर्माना, ये है वजह)
बीसीसीआई इससे पहले 10 साल तक आईपीएल के प्लेऑफ मैचों के दौरान कम से कम 4 भारतीय कॉमेंटेटर्स का इस्तेमाल करती रही थी। हालांकि, बीसीसीआई ने इस बार भारतीयों से ज्यादा विदेशी कॉमेंटेटर्स को मौका देने का फैसला क्यों किया, इस बारे में कोई ठोस जवाब बोर्ड की ओर से नहीं आया है। एक सूत्र के मुताबिक, 'बोर्ड को अचानक महसूस होने लगा है कि भारतीय कॉमेंटेटर अंग्रेजी में उतने अच्छे नहीं हैं। क्या बीसीसीआई को भारतीय उच्चारण से समस्या है?'
कई पूर्व खिलाड़ियों को समस्या इस बात से है कि अगर ये इंडियन प्रीमियर लीग है तो पहले भारतीयों को तरजीह क्यों नहीं दी जा रही है। इस बीच बीसीसीआई ने 14 जून से अफगानिस्तान के खिलाफ शुरू हो रहे टेस्ट मैच के लिए पांच कॉमेंटेटर के नाम चुन लिए हैं। इसमें गावस्कर और मांजरेकर सहित हर्षा भोगले, शिवरामाकृष्ण और मुरली कार्तिक शामिल हैं। माना जा रहा है कि दो से तीन विदेशी कॉमेंटेटर भी इसमें शामिल किए जाएंगे।
इस बीच एक सूत्र के अनुसार हिंदी कॉमेंटेटर को लेकर कुछ भी पुख्ता नियम नहीं हैं। मसलन अगर वीवीएस लक्ष्मण को हिंदी का कॉमेंटेटर बनाया जाता है जिनकी अंग्रेजी पर पकड़ हिंदी के मुकाबले ज्यादा अच्छी है तो फिर कोई सवाल नहीं उठते। (और पढ़ें- इस युवा बल्लेबाज को मिली इंग्लैंड टेस्ट टीम में जगह, पर छोड़नी पड़ी अकाउंटेंसी की परीक्षा)