न्यूजीलैंड के खिलाफ ही नहीं, 39 साल पहले भी 'सूरज' की वजह से रोकना पड़ा था भारत का मैच

India vs New Zealand, 1st ODI में सूरज की वजह से मैच को 30 मिनट रोकना पड़ा। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब सूर्य ने मैच में व्यवधान पैदा किया हो। ऐसी ही एक घटना 1980 में भारत-इंग्लैंड मैच के दौरान भी हुई थी जब...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: January 24, 2019 4:29 PM

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ठळक मुद्देभारत-न्यूजीलैंड के बीच 23 जनवरी 2019 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार सूरज की रोशनी ने रोका मैच।1980 में सूर्यग्रहण के चलते भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच हुआ था प्रभावित।भारत को उस मैच में मिली थी करारी हार।

भारत-न्यूजीलैंड के बीच 23 जनवरी 2019 को एक ऐसी घटना हुई, जिसने सभी को हैरत में डाल दिया। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार सूरज की तेज रोशनी की वजह से खेल को रोकना पड़ा। हालांकि इंग्लैंड के कुछ मैदानों पर पहले भी सूरज की रोशनी के कारण खेल रोका जा चुका था, लेकिन इंटरनेशनल मैच इसके चलते कभी प्रभावित नहीं हुआ। ऐसी ही एक रोचक घटना पहले भी हो चुकी थी, जब टेस्ट मैच सूरज की तेज रोशनी नहीं, बल्कि ग्रहण की वजह से प्रभावित हुआ। वो मुकाबला भी भारत ही खेल रहा था।

ये घटना 1980 को बॉम्बे (अब मुंबई) मैच की है। भारत-इंग्लैंड के बीच 15-19 फरवरी के बीच बीसीसीआई की जुबली के मौके पर इकलौता टेस्ट मैच खेला गया। वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय कप्तान गुंडप्पा विश्वनाथ ने 15 फरवरी को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। पहले दिन का खेल तो हुआ, लेकिन अगले दिन सूर्यग्रहण पड़ गया।

दूसरे दिन, 16 फरवरी सूर्य के 87 प्रतिशत भाग पर ग्रहण था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने दर्शकों की चिंता करते हुए दूसरे दिन के खेल को स्थगित कर दिया। इसकी वजह ये थी कि सूर्यग्रहण दर्शकों की आंखों को नुकसान पहुंचा सकता था। पूरे दिन का खेल नहीं हुआ और मैच घटकर पांच के बदले 4 दिन का रह गया। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर बॉब विलिस ने इसे 'एंटीक्लाइमेक्स' बताया। उन्होंने एक लेख में इसका जिक्र करते हुए बताया, "आकाश केवल दोपहर के मध्य थोड़ा गहरा हुआ था।"

भारत को झेलनी पड़ी थी करारी हार: भारत को इस मैच में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। मेजबान टीम की ओर से पहली इनिंग में सुनील गावस्कर और रोजर बिन्नी (15) ने शुरुआती विकेट के लिए 56 रन की साझेदारी की। इसके बाद गावस्कर ने दिलीप वेंगसरकर (34) के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 46 रन जोड़े। गावस्कर 49 रन बनाकर आउट हुए और विकेटों का पतझड़ लग गया। 102 रन पर दूसरा विकेट खोने वाली टीम इंडिया इससे आगे सिर्फ 140 रन ही जोड़ सकी। इस पारी में भारत के लिए इयान बॉथम विलेन साबित हुए, जिन्होंने 58 रन देकर 6 विकेट चटकाए।

इंग्लैंड इसके जवाब में लड़खड़ा गया। टीम ने पहले 5 विकेट महज 58 रन पर ही गंवा दिए थे। भारतीय फैंस की आस अभी जगी ही थी, कि इयान बॉथम ने उनकी उम्मीद पर फिर ग्रहण लगा दिया। विकेटकीपर बॉब टेलर (43) के साथ मिलकर बॉथम ने छठे विकेट के लिए 171 रन जोड़ दिए। बॉथम ने 17 चौकों की मदद से 114 रन की पारी खेल डाली। भारत ने किसी तरह इंग्लैंड को 296 रन तक रोका, लेकिन तब तक विपक्षी टीम 54 रन की लीड बना चुकी थी। टीम इंडिया की ओर से करसन घावरी ने सर्वाधिक 5 विकेट चटकाए।

भारत जब दूसरी पारी में उतरा, तो फैंस को गावस्कर से एक बार फिर उम्मीद थी, लेकिन लिटिल मास्टर इस पारी में 24 रन से ज्यादा ना बना सके। आलम ये रहा कि 58 रन तक भारत अपने 6 विकेट गंवा चुका था और अभी तक उसने सिर्फ 4 ही रन की बढ़त ली थी। इसके बाद कपिल देव (45) ने यशपाल शर्मा (27) के साथ मिलकर 44 रन जोड़े, लेकिन ये जीत के लिए नाकाफी था। टीम 52.1 ओवर में, 149 रन पर ही सिमट गई। इयान बॉथम एक बार फिर भारत के लिए खलनायक साबित हुए और महज 48 रन देकर इसी खिलाड़ी ने अकेले 7 विकेट चटका जीत इंग्लैंड के खेमे में ला दी।

इंग्लैंड को जीत के लिए महज 95 रन की दरकार थी। ग्राहम गूच और जेफ बायकॉट के रूप में सलामी जोड़ी ने इंग्लैंड को जीत दिला दी। ग्राहम गूच ने 6 चौकों की मदद से नाबाद 49 रन, जबकि बायकॉट ने नाबाद 43 रन की पारी खेली।

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