'आक्रामकता' के मुद्दे पर भिड़े दो पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर, क्लार्क ने कहा, 'अच्छे बनकर नहीं जीत सकते मैच'

Michael Clarke, Simon Katich: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में आक्रामकता के मुद्दे पर माइकल क्लार्क और साइमन कैटिच भिड़ गए हैं, जताई एकदूसरे के बयान से असहमति

By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 28, 2018 03:37 PM2018-11-28T15:37:37+5:302018-11-28T15:37:37+5:30

India vs Australia: Michael Clarke and Simon Katich clash over Australian Team Culture | 'आक्रामकता' के मुद्दे पर भिड़े दो पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर, क्लार्क ने कहा, 'अच्छे बनकर नहीं जीत सकते मैच'

साइमन कैटिच और माइकल क्लार्क

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Highlightsऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की संस्कृति को लेकर भिड़े माइकल क्लार्क-साइमन कैटिचक्लार्क ने कहा, 'अच्छे बनकर नहीं जीत सकते हैं मैच, आक्रामकता हमारे खून में है'कैटिच ने कहा, 'इसी रवैये से सालों से सबसे नापसंद की जाने वाली टीम रही है ऑस्ट्रेलिया'ऑस्ट्रेलिया की टीम 6 दिसंबर से भारत के खिलाफ खेलेगी चार टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की संस्कृति को लेकर दो पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के बीच जुबानी जंग सामने आई है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने हाल ही में बॉल टैम्परिंग की घटना के बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की छवि सुधारने की कोशिशों की आलोचना करते हुए कहा है कि इस रवैये से ऑस्ट्रेलियाई मैच नहीं जीत सकता है, उसे मैच जीतने के लिए अपने पुराने आक्रामक रुख की तरफ ही लौटना होगा। 

क्लार्क ने मैक्क्वेरी स्पोर्ट रेडियो से कहा, 'मेरे हिसाब से, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को पसंदीदा होने की चिंता छोड़ देनी चाहिए और सम्मानित होने के बारे में चिंता करनी चाहिए।' उन्होंने कहा, सख्त ऑस्ट्रेलियाई अंदाज में क्रिकेट खेलिए। हम इसे पसंद करें या नहीं, ये हमारे खून में है। अगर आप कोशिश करते हैं और इससे दूर जाते हैं, तो हो सकता है कि हम दुनिया की सबसे पसंदीदा टीम बन जाएं, हम मैच नहीं जीतेंगे।'

लेकिन एक और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर साइमन कैटिच ने क्लार्क के बयान से असहमति जताते हुए SEN रेडियो से कहा, 'उन्होंने (क्लार्क) एक बात पर ध्यान नहीं दिया। इसमें ये भुला दिया गया है कि हमने बुरी तरह धोखेबाजी की है और यही वजह कि अब हम इस मोड़ पर हैं। हमें बुरी तरह से धोखेबाजी करते हुए पकड़ा गया था और जितना जल्दी हो सके हमें इसमें सुधार करना होगा, न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट फैंस बल्कि दुनिया भर के लोगों का सम्मान वापस पाने के लिए, और इसमें हमारे व्यवहार की बड़ी भूमिका है।' 

कैटिच ने कहा, 'माइकल ने अपना बयान दिया लेकिन उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया-कितनी बार हमने ये देखा है कि बुरी तरह धोखेबाजी के लिए ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को अपना पद गंवाना पड़ा है?'

उन्होंने कहा, 'ऐसा पहले नहीं हुआ...इससे देश शर्मिंदा हुआ। हम अपने मैदानी-व्यवहार के लिए वर्षों से दुनिया की सबसे ज्यादा नापंसद की जाने वाली टीम रहे हैं और केपटाउन में यही बात अपने चरम पर पहुंच गई। ये इस टीम के लिए मुश्किल जंग है। जहां तक प्रतिस्पर्धात्माक और निष्पक्ष तरीके से खेलने की बात है तो वे अब भी ऑस्ट्रेलियाई तरीके से खेल सकते हैं, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर और सीमा लांघकर नहीं, जैसा कि उन्होंने केपटाउन में किया था।' 

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को इस साल मार्च में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर केपटाउन टेस्ट के दौरान तीन खिलाड़ियों कप्तान स्टीव स्मिथ, उपकप्तान डेविड वॉर्नर और बल्लेबाज कैमरन बैनक्रॉफ्ट के बॉल टैम्परिंग में शामिल होने की बात सामने आने के बाद गहरा झटका लगा था। इन तीनों पर इस घटना के बाद एक साल तक का बैन लगा दिया गया था। 

अपने स्टार खिलाड़ियों पर बैन के बाद से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट अब तक पटरी पर नहीं लौट सकी है और इसके बाद से सभी फॉर्मेट्स के 24 में से 17 मैच गंवा चुकी है। अब उसकी अगली मुश्किल चुनौती 6 दिसंबर से भारत के खिलाफ शुरू हो रही चार टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज है। ऑस्ट्रेलियाई टीम कभी भी भारत के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज नहीं हारी है।

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