IND vs AUS, 2nd Test: शुभमन गिल-मोहम्मद सिराज समेत ये 5 भारतीय कर चुके 'बॉक्सिंग डे टेस्ट' में डेब्यू

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में 'बॉक्सिंग डे टेस्ट' की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें 2 भारतीय खिलाड़ियों को डेब्यू का मौका मिला है...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: December 26, 2020 1:18 PM

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ठळक मुद्देभारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट।शुभमन गिल समेत मोहम्मद सिराज को टेस्ट डेब्यू का मौका।अब तक 5 भारतीयों को ही मिल सका बॉक्सिंग डे टेस्ट के साथ डेब्यू का मौका।

IND vs AUS, 2nd Test: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शनिवार (26 दिसंबर) से शुरू हुए 'बॉक्सिंग डे टेस्ट' मैच में 2 भारतीय खिलाड़ियों को टेस्ट डेब्यू का मौका मिला, जिनमें शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज नाम शामिल रहा।

5 भारतीय खिलाड़ियों को मिला ऐसा मौका

क्रिकेट इतिहास में 'बॉक्सिंग डे' के मौके पर अब तक 5 भारतीय खिलाड़ी अपना टेस्ट डेब्यू कर चुके हैं। शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज से पहले ऋषिकेष कनितकर (साल 1999), केएल राहुल (साल 2014) और मयंक अग्रवाल (साल 2018) को इस दिन डेब्यू का सुनहरा मौका मिल चुका है।

अपने टेस्ट करियर का पहला विकेट झटकने के बाद जश्न मनाते मोहम्मद सिराज।

एक ही गेंद पर 'मेडन टेस्ट विकेट' और 'मेडन टेस्ट कैच'

संयोग की बात ये रही कि इन दोनों खिलाड़ियों ने एक ही गेंद पर अपना 'मेडन टेस्ट विकेट' और 'मेडन टेस्ट कैच' लपका। ये वाकया पहले दिन के दूसरे सेशन का है, जिस वक्त ऑस्ट्रेलियाई पारी का 49.3 ओवर चल रहा था।

दरअसल ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट गंवाकर 134 रन बना लिए थे और मोहम्मद सिराज के हाथों में उनका 8वां टेस्ट ओवर था। सिराज की गेंद पर शानदार फॉर्म में नजर आ रहे मार्नस लैबुशेन ने बैकवर्ड स्क्वायर लेग की दिशा में शॉट खेल दिया, जहां शुभमन गिल ने जमीन पर गिरते हुए शानदार कैच लपक लिया। इसी के साथ एक ही गेंद में दो खिलाड़ियों को मेडन विकेट और मेडन कैच हासिल हुआ। लैबुशेन 132 गेंदों में 4 चौकों की मदद से 48 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

आखिर क्यों कहा जाता है 'बॉक्सिंग डे टेस्ट'

दरअसल ब्रिटेन में क्रिसमस के दूसरे दिन छुट्टी रहती है और इस दौरान लोग एक-दूसरे के घरों मे जाकर उन्हें गिफ्ट 'बॉक्स' देते हैं। चूंकि बक्से यानी बॉक्स में तोहफे देने की परंपरा रही है, जिससे 26 दिसंबर से शुरू होने वाला टेस्ट बॉक्सिंग डे टेस्ट कहा जाता है।

ब्रिटेन में बड़े व्यावसायिक अपने कर्मचारियों को क्रिसमस का तोहफा बक्से में देते थे। इसी वजह से 26 दिसंबर से शुरू होनेवाले टेस्ट को बॉक्सिंग डे टेस्ट कहा जाने लगा।

ऑस्ट्रेलिया में भी अंग्रेजों का शासन रहा है इसलिए वहां भी 'बॉक्सिंग डे टेस्ट' की परंपरा रही है। 1950-51 की एशेज सीरीज के दौरान इसकी शुरुआत हुई थी। हालांकि उस समय 22 से 27 दिसंबर के दौरान खेले गए टेस्ट के बीच 26 दिसंबर था।

मेलबर्न में ही ऑस्ट्रेलिया खेलती है 'बॉक्सिंग डे टेस्ट'

उस वक्त यह निर्णय लिया गया कि 26 दिसंबर भले ही मुकाबले के दौरान क्यों ना हो इसे बॉक्सिंग डे टेस्ट ही कहा जाएगा। 1974-75 की सीरीज के दौरान बॉक्सिंग डे टेस्ट मुकाबला 26 दिसंबर से खेला जाने लगा। 1980 से बॉक्सिंग डे टेस्ट मेलबर्न में खेला जाने लगा। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम हर साल 26 दिसंबर को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ही ये टेस्ट मैच खेलती है।

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