India tour of England 2025: 5 मैच की टेस्ट सीरीज, 20 जून से शुरू, मीडिल क्रम में 2 सीट और 6 दावेदार, देखें लिस्ट में कौन शामिल

India tour of England 2025: भारत की ए टीम भी इंग्लैंड में रहेगी और ऐसे में मुख्य टीम की जरूरत के मुताबिक ए टीम के खिलाड़ी को बुलाया जा सकता है।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 22, 2025 19:59 IST2025-04-22T19:57:29+5:302025-04-22T19:59:05+5:30

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Highlightsरिजर्व बल्लेबाजों को चुनने के लिए काफी सोच विचार करने की आवश्यकता होगी। अभी तक अपनी क्षमता के मुताबिक खुद को साबित नहीं किया है।अगर 15 खिलाड़ी होते हैं तो एक अतिरिक्त मध्यक्रम बल्लेबाज के लिए जगह होगी।

India tour of England 2025: राष्ट्रीय चयन समिति मई के दूसरे सप्ताह में इंग्लैंड के टेस्ट दौरे के लिए भारत और भारत ए टीम की घोषणा कर सकती है और ऐसे में उन्हें मध्यक्रम के दो स्थानों के लिए कम से कम छह दावेदारों के नाम पर विचार करना होगा। बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 17 सदस्यीय टीम भेजी थी लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच के लिए अंतिम टीम 15 या 16 खिलाड़ियों की हो सकती है। इस दौरे के समय भारत की ए टीम भी इंग्लैंड में रहेगी और ऐसे में मुख्य टीम की जरूरत के मुताबिक ए टीम के खिलाड़ी को बुलाया जा सकता है।

अजीत अगरकर के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय चयन समिति को कुछ खिलाड़ियों विशेष रूप से रिजर्व बल्लेबाजों को चुनने के लिए काफी सोच विचार करने की आवश्यकता होगी। इसमें घरेलू सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के अलावा राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके ऐसे खिलाड़ी भी होंगे जिन्होंने अभी तक अपनी क्षमता के मुताबिक खुद को साबित नहीं किया है।

सभी खिलाड़ी अगर फिट और स्वस्थ रहे तो कप्तान रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, लोकेश राहुल, शुभमन गिल और विराट कोहली का स्थान शुरुआती मैचों की अंतिम एकादश में तय होगा। हरफनमौला खिलाड़ी की भूमिका में नीतीश कुमार रेड्डी होंगे। दौरे पर जाने वाली टीम में अगर 15 खिलाड़ी होते हैं तो एक अतिरिक्त मध्यक्रम बल्लेबाज के लिए जगह होगी।

अगर टीम में 16 खिलाड़ी हैं तो ऐसे दो खिलाड़ियों को शामिल किया जा सकता है। यह दौरा 20 जून से शुरू होगा और अगस्त के पहले सप्ताह में समाप्त होगा। अभी कोई भी मध्यक्रम के बल्लेबाजों का नाम तय नहीं करना चाहेगा, लेकिन जानकारी के अनुसार कम से कम छह नामों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इनमें से दो नहीं तो एक को सीनियर टीम में जगह मिल सकती है, जबकि बाकी निश्चित रूप से उसी समय इंग्लैंड लायंस (ए टीम) के खिलाफ होने वाली भारत ए श्रृंखला का हिस्सा होंगे।

बी साई सुदर्शन: प्रथम श्रेणी के 29 मैचों में सात शतक लगाने वाले साई सुदर्शन लाल गेंद के क्रिकेट में भी एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन पर नजर रखी जानी चाहिए। वह आईपीएल में गुजरात टाइटन्स के लिए पहले ही खुद को साबित हो चुके हैं। चयनकर्ताओं की नजर इस खब्बू बल्लेबाज पर इसलिए भी होगी क्योंकि उनकी तकनीक अच्छी है।

चोटिल होने से पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भारत ए के लिए भी अच्छा प्रदर्शन किया था। उनकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह पारी का आगाज करने के साथ ही टीम की जरूरत के हिसाब से मध्यक्रम में भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। वे लंबे समय तक खेलने वाले खिलाड़ी हैं और 23 साल की उम्र में वे बड़ी चुनौती के लिए तैयार दिख रहे हैं।

श्रेयस अय्यर: श्रेयस पिछले साल रणजी क्रिकेट की जगह आईपीएल को तरजीह देने के लिए बीसीसीआई से फटकार झेलने के बाद लाल गेंद प्रारूप में बेहतर तकनीक के साथ उभरने वाले खिलाड़ी साबित हुए है। वह शॉर्ट पिच गेंदों को भी अब पहले की तुलना में अच्छे से खेलते है।

इंग्लैंड दौरे पर अनुभव बहुत काम आएगा और 2022 में इंग्लैंड में एक टेस्ट सहित 14 टेस्ट खेलने के बाद वह चुनौतियों के बारे में जानते हैं। उन्होंने बोर्ड के केंद्रीय अनुबंध से बाहर किए जाने के बाद काफी संख्या में घरेलू क्रिकेट खेला है और सहज दिख रहे हैं।

रजत पाटीदार: पाटीदार के पास तकनीक और मैदान के चारों ओर सहजता से शॉट खेलने की शानदार क्षमता है लेकिन आंकड़ों पर गौर करे तो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर एक भी अर्धशतक नहीं लगाकर टेस्ट क्रिकेट में अपना मौका गंवा दिया है। रणजी का पिछला सत्र (450 से कम रन) योजना के अनुसार नहीं चला, अगरकर की अगुवाई वाली समिति क्या उन पर एक बार फिर से भरोसा करेगी।

करुण नायर: टेस्ट में भारत के लिए तिहरा शतक जड़ने वाले केवल दूसरे बल्लेबाज नायर ने मध्यक्रम में अपनी लय खो दी थी लेकिन विदर्भ के साथ जुड़ने के बाद वह फॉर्म में शानदार तरीके से वापसी करने में सफल रहे। घरेलू सत्र उनके लिए स्वप्निल रहा, जिसमें उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में 850 से अधिक रन बनाए।

उन्होंने दो सत्र पहले कर्नाटक क्रिकेट से नजरअंदाज किये जाने के बाद एक ट्वीट किया था ‘‘प्रिय क्रिकेट, मुझे एक और मौका दो’’ और कौन जानता है कि इंग्लैंड दौरा उनके लिए वह मौका हो सकता है। वह 2018 में नेट सत्रों के दौरान रवि शास्त्री और विराट कोहली को प्रभावित करने में नाकाम रहे थे और 2025 में बेंगलुरु के इस खिलाड़ी के लिए शायद एक अलग स्क्रिप्ट हो सकती है। ट

देवदत्त पडिक्कल: एक और बाएं हाथ का बल्लेबाज जिसे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में पहले मैच में टेस्ट पदार्पण करने का मौका मिला। पडिक्कल ने दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल के साथ एक प्रभावशाली साझेदारी के दौरान अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई। वह आईपीएल में अच्छे फॉर्म में हैं और अगर वह सीनियर टीम में जगह नहीं बना पाते हैं, तो वह निश्चित रूप से भारत ए टीम में शामिल होंगे।

सरफराज खान: न्यूजीलैंड के खिलाफ अक्टूबर में बेंगलुरु में 150 रन बनाने के बाद सरफराज को टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर लेनी चाहिए थी, लेकिन अगले टेस्ट मैचों में कुछ खराब शॉट चयन से उन्होंने अपनी जगह गवां दी। ऑस्ट्रेलिया में, वह एक पर्यटक की तरह थे और पहली एकादश में जगह बनाने के लिए उनके बारे में चर्चा भी नहीं की गई। चयनकर्ता हालांकि निरंतरता के लिए उनके नाम पर विचार कर सकते हैं।

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