IND vs SA: हम भारत को घुटने के बल लाना चाहते थे, दक्षिण अफ्रीकी कोच शुकरी

India vs South Africa: दक्षिण अफ्रीका के मुख्य कोच शुकरी कोनराड चाहते थे कि उनकी टीम दूसरे टेस्ट के चौथे दिन भारत को घुटनों के बल ले जाये और 549 रन के दुरूह लक्ष्य के जवाब में मेजबान टीम अब श्रृंखला में सूपड़ा साफ होने से बचाव के लिये जूझ रही है।

By संदीप दाहिमा | Updated: November 25, 2025 19:53 IST2025-11-25T19:53:24+5:302025-11-25T19:53:58+5:30

Ind vs SA South African Coach Said We wanted to bring India to their knees | IND vs SA: हम भारत को घुटने के बल लाना चाहते थे, दक्षिण अफ्रीकी कोच शुकरी

IND vs SA: हम भारत को घुटने के बल लाना चाहते थे, दक्षिण अफ्रीकी कोच शुकरी

HighlightsInd vs SA: हम भारत को घुटने के बल लाना चाहते थे, दक्षिण अफ्रीकी कोच शुकरी

दक्षिण अफ्रीका के मुख्य कोच शुकरी कोनराड चाहते थे कि उनकी टीम दूसरे टेस्ट के चौथे दिन भारत को घुटनों के बल ले जाये और 549 रन के दुरूह लक्ष्य के जवाब में मेजबान टीम अब श्रृंखला में सूपड़ा साफ होने से बचाव के लिये जूझ रही है। कोनराड के इस बयान से तनाव पैदा हो सकता है लेकिन उन्होंने कहा कि वह इंग्लैंड के दिवंगत कप्तान टोनी ग्रेग के मशहूर इंटरव्यू से एक वाक्य चुरा रहे हैं जो उन्होंने 1976 में क्लाइव लॉयड की वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ श्रृंखला से पहले बोला था। उनकी टीम वह श्रृंखला 0 . 3 से हार गई थी। कोनराड ने चौथे दिन के खेल के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ हम चाहते थे कि भारतीय टीम मैदान पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताये।

हम चाहते थे कि वे घुटनों के बल आ जाये (यह वाक्य मैं चुरा रहा हूं) और हम मैच उनकी जद से बिल्कुल बाहर करना चाहते थे।’’ कोनराड ने इसके लिये ‘ग्रोवेल ’ शब्द का इस्तेमाल करके विवाद को जन्म दे दिया है। ‘ग्रोवेल’ का मतलब होता है जमीन के बल लेटना या रेंगना। दक्षिण अफ्रीकी मूल के श्वेत क्रिकेटर ग्रेग ने यह शब्द दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और कैरेबियाई खिलाड़ियों के संदर्भ में इस्तेमाल किया था जहां दासता का दर्दनाक इतिहास रहा है। अभी यह पता नहीं है कि क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने विरोधी टीम के बारे में आपत्तिजनक संदर्भ इस्तेमाल करने वाले अपने अश्वेत कोच से बात की है या नहीं। कोनराड से पूछा गया था कि पारी की घोषणा में इतना विलंब क्यों किया गया और क्या इससे मैच के नतीजे पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा ,‘‘ कुछ पहलू थे । हम नयी गेंद का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करना चाहते थे और सुबह नयी और कठोर गेंद मिलेगी।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ इसके अलावा हम चाहते थे कि भारतीय खिलाड़ी अधिकांश समय क्रीज पर रहे । कुछ लोग कहेंगे कि आपने बहुत देर बल्लेबाजी की लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता।’’

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