बायो बबल के कथित उल्लंघन मामले पर भारतीय खिलाड़ियों को संजय मांजरेकर ने लताड़ा, ट्विटर पर लगाई क्लास

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत खिलाड़ियों को इनडोर रेस्तरां में भोजन नहीं करने के लिए कहा गया है...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Updated: January 4, 2021 11:51 IST2021-01-04T11:45:07+5:302021-01-04T11:51:01+5:30

IND vs AUS: Sanjay Manjrekar takes a dig at Team India over quarantine concerns | बायो बबल के कथित उल्लंघन मामले पर भारतीय खिलाड़ियों को संजय मांजरेकर ने लताड़ा, ट्विटर पर लगाई क्लास

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें टीम इंडिया के 5 क्रिकेटर्स रेस्तरां में खाना खाते नजर आए।

Highlightsबायो बबल का कथित उल्लंघन मामला।पृथकवास में पांच भारतीय क्रिकेटर।रेस्तरां कॉन्ट्रोवर्सी पर संजय मांजरेकर ने खिलाड़ियों को लताड़ा।

भारतीय टीम के खिलाड़ियों द्वारा कथित रूप से कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने के मामले में पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर का रिएक्शन सामने आया है। मांजरेकर ने ट्विटर पर इन भारतीय खिलाड़ियों को लताड़ा है। 

संजय मांजरेकर ने नाम लिए बगैर साधा निशाना

संजय मांजरेकर ने ट्विटर पर लिखा, "यह काफी आसान है सच में। या तो खुद को सिलेक्शन के लिए उपलब्ध ना रखें या फिर अगर चुन लिए गए हैं, तो बायो-बबल और कड़े प्रोटोकॉल्स का पालन करें। आप दोनों चीजें नहीं कर सकते हैं।"

रोहित शर्मा समेत 5 खिलाड़ी पृथकवास में

बता दें कि बायो बबल के कथित उल्लंघन मामले पर भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा समेत शुभमन गिल, ऋषभ पंत, पृथ्वी शॉ और नवदीप सैनी को पृथकवास में रखा गया है। 

क्या था पूरा मामला

दरअसल कुछ दिन पहले एक प्रशंसक ने ट्विटर पर वीडियो डाली थी जिसमें ये पांचों एक इनडोर रेस्तरां में खाना खा रहे थे। उस व्यक्ति ने यह भी दावा कि वह इन खिलाड़ियों के करीब बैठा था और उनके खाने का बिल चुकाने के बाद उसने पंत को गले लगाया। उसने बाद में गले लगाने वाला ट्वीट हटा लिया क्योंकि इससे प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मसला खड़ा हो गया था।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रेस्तरां में खाने की अनुमति

भारत और ऑस्ट्रेलिया चार टेस्ट मैचों की शृंखला खेल रहे हैं और तीसरा मैच सात जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा। प्रोटोकॉल के तहत खिलाड़ियों को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए आउटडोर रेस्तरां में खाने की अनुमति है। मेडिकल टीमों से सलाह के बाद ही पृथकवास प्रोटोकॉल लागू किया गया।

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