ऐडीलेड, पांच दिसंबर। पिछले कुछ अर्से में मौजूदा भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को सबसे संतुलित माना जा रहा है हालांकि हरफनमौला हार्दिक पंड्या की गैर मौजूदगी से उस पर असर पड़ा है, लेकिन कप्तान विराट कोहली का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया की कठिन पिचों पर इस अतिरिक्त कार्यभार को बोझ की तरह नहीं देखना चाहिए।
पंड्या फिलहाल कमर की चोट से उबर रहे हैं। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि ऑस्ट्रेलियाई पिचें उनकी गेंदबाजी को रास आती। भारतीय कप्तान ने स्वीकार किया कि ईशांत शर्मा की अगुवाई में चौतरफा तेज आक्रमण को वे अतिरिक्त ओवर डालने होंगे जो पंड्या के हिस्से में जाते।
उन्होंने पहले टेस्ट से पूर्व कहा,‘‘हरफनमौला के नहीं खेलने से फर्क पड़ता है। हर टीम एक तेज गेंदबाज हरफनमौला चाहती है जो फिलहाल हमारे पास नहीं है।’’
उन्होंने कहा,‘‘हम सर्वश्रेष्ठ संयोजन लेकर नहीं उतर पा रहे हैं। हरफनमौला के नहीं होने से दूसरे गेंदबाजों को अतिरिक्त कार्यभार झेलना होगा। हम इस पर बात कर चुके हैं।’’
ऑस्ट्रेलिया की कठिन उछालभरी पिचें और बड़े मैदान गेंदबाज के दमखम की परीक्षा ले सकते हैं, लेकिन कोहली ने कहा कि इसे चुनौती की तरह लेना चाहिए।
कोहली ने कहा,‘‘गेंदबाजों को इसे बोझ की तरह नहीं लेना चाहिए, बल्कि चुनौती समझना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ भी आसान नहीं होता। हमें स्वीकार करना होगा कि इस समय उपलब्ध संसाधनों से ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।’’
कोहली ने कहा कि उनके गेंदबाजों के पास अनुभव भी है और विविधता भी।
उन्होंने कहा,‘‘पिछली बार की तुलना में इस बार आक्रमण अलग है। अब अधिक अनुभवी और फिट गेंदबाज है। ऑस्ट्रेलिया में सफल होने के लिए लंबे समय तक सही दिशा में गेंद डालना जरूरी है, क्योंकि यहां हालात काफी कठिन होते हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘यहां काफी गर्मी होगी और पिचें सपाट होंगी, क्योंकि कूकाबूरा गेंद को 20 ओवर के बाद स्विंग नहीं मिलती और 45 से 50वें ओवर के बीच रिवर्स स्विंग मिलनी शुरू होती है। यह बीच का दौर काफी अहम है। हमें इसका इल्म है और खिलाड़ी बेहतर तैयारी के साथ उतरेंगे।’’
कोहली ने यह भी कहा कि उनका हर गेंदबाज पांच विकेट जैसे निजी रिकॉर्ड पर नहीं बल्कि एक ईकाई के रूप में अच्छी गेंदबाजी पर फोकस कर रहा है।