भारतीय अंडर-19 टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से मात देते हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप रिकॉर्ड चौथी बार जीत लिया। भारत ने कोच राहुल द्रविड़ की प्रेरणादायक कोचिंग में अजेय रहते हुए चौथी बार अंडर-19 टीम खिताब पर कब्जा जमाया। इस वर्ल्ड कप जीत में कप्तान पृथ्वी शॉ से लेकर, फाइनल में शतक जड़ने वाले मनजोत कालरा, पूरे टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले शुभमन गिल, सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले अनुकूल रॉय समेत कई खिलाड़ियों ने अहम योगदान दिया। लेकिन जिस एक गेंदबाज ने सेमीफाइनल और फाइनल में अपनी अलग ही छाप छोड़ी, वह हैं 6 फीट 3 इंच लंबे तेज गेंदबाज ईशान पोरेल।
खास बात ये है कि ईशान इन दोनों ही मैचों में चोटिल होने के बावजूद खेले, लेकिन भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने के जुनून ने इस युवा गेंदबाज को हर दर्द भुलाकर खेलने के लिए प्रेरित किया। ईशान को वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंदबाजी के दौरान चोट लग गई थी और इसके बाद वह क्वॉर्टर फाइनल से पहले किसी मैच में नहीं खेल पाए। (पढ़ें: खत्म हुआ राहुल द्रविड़ का इंतजार, 3 वर्ल्ड कप, 344 वनडे के बाद आखिर 'जीत' ही लिया वर्ल्ड कप!)
बंगाल से आने वाले ईशान के कोच विभाहास दास ने कहा कि ईशान सेमीफाइनल और फाइनल में चोट के साथ ही खेले। दास ने कहा, 'वह पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है और अपने पैर में दर्द के साथ गेंदबाजी की। इस तरह की चोट को ठीक होने में तीन हफ्ते का समय लेगा। वास्तव में उनकी एड़ी में चोट नहीं लगी है। उनके बाएं पैर के लैंडिग लेग में टिश्यू फट गए हैं। इसीलिए वह अपने पैरों में मोटा टेप बांधकर खेले, ताकि उनकी चोट और न बढ़े।' ईशान के कोच ने कहा, 'ये न्यूजीलैंड में उपलब्ध आधुनिक उपचार का कमाल था कि वह नॉकआउट के तीन मैचों में खेल पाया।' (पढ़ें: ICC U-19 वर्ल्ड कपः ये टॉप-7 खिलाड़ी रहे भारत की चौथी वर्ल्ड कप जीत के हीरो)
चोट की वजह से वर्ल्ड कप के कई मैचों में नहीं खेल पाए ईशान ने सेमीफाइनल में यादगार प्रदर्शन किया। ईशान ने पाकिस्तान के खिलाफ 6 ओवर में 17 रन देकर 4 विकेट झटके और पाकिस्तानी बैटिंग की कमर तोड़ दी। भारत ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 203 रन से करारी शिकस्त दी। ईशान ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी शानदार प्रदर्शन किया और जमने से पहले ही दोनों ऑस्ट्रेलियाई ओपनरों को पविलियन की राह दिखा दी।
हालांकि दास का मानना है कि ईशान को विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट में मौका मिलना चाहिए। भविष्य की योजनाओं के बारे में कोच ने कहा कि मेरा लक्ष्य ईशान को आने वाले समय में फिट रखना है और उसकी नजरें 2019 के वर्ल्ड कप पर हैं।