इंग्लैंड के पूर्व अंडर-19 कप्तान अजीम रफीक का खुलासा, 'यार्कशर के लिए खेलने के दौरान आत्महत्या करने के करीब पहुंच गया था'

Azeem Rafiq: इंग्लैंड के पूर्व अंडर-19 कप्तान अजीम रफीक ने कहा है कि काउंटी टीम यार्कशर के साथ खेलने के दौरान नस्लवाद की वजह से वह आत्महत्या करने के बेहद करीब पहुंच गए थे

By भाषा | Published: September 04, 2020 8:48 AM

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ठळक मुद्देमैं जानता हूं कि मैं यार्कशर में अपने खेलने के दिनों के दौरान आत्महत्या करने के कितने करीब था: अजीम रफीकमेरा मानना है कि क्लब संस्थागत नस्लवादी है: यार्कशर के बारे में अजीम रफीक

लंदन: इंग्लैंड के पूर्व अंडर-19 कप्तान अजीम रफीक ने दावा किया कि जब वह काउंटी टीम यार्कशर में थे तो नस्लवाद के कारण वह आत्महत्या करने के बारे में भी सोचने लगे थे। रफीक ने क्लब पर संस्थागत रूप से नस्लवादी होने का आरोप लगाया। कराची में जन्में इस ऑफ स्पिनर ने क्लब में कप्तानी की जिम्मेदारी भी संभाली। 

उन्होंने कहा कि उन्हें बाहरी व्यक्ति (आउटसाइडर) जैसा लगता था और 2016 से 2018 के बीच खेलने के दौरान जब उन्होंने नस्ली व्यवहार की शिकायत की तो उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया जिसके बाद उनका मानवता से भरोसा ही उठ गया।

यार्कशर के लिए खेलने के दौरान आत्महत्या के बेहद करीब था: अजीम रफीक

रफीक ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि मैं यार्कशर में अपने खेलने के दिनों के दौरान आत्महत्या करने के कितने करीब था। मैं अपने परिवार के ‘पेशेवर क्रिकेटर’ के सपने को साकार कर रहा था लेकिन अंदर से मैं मर रहा था। मैं काम पर जाते हुए डरता था। मैं हर दिन दर्द में रहता था।’’

उन्होंने साथ ही क्लब में ‘संस्थागत नस्लवाद’ का दावा किया जिसने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। 29 साल के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘स्टाफ में कोई कोच नहीं था जो इस बात को समझ सकता कि यह कैसा महसूस होता है।’’

यार्कशर में होता था संस्थागत नस्लवाद: रफीक

रफीक ने कहा, ‘‘जो परवाह करता है, यह किसी के लिये भी स्पष्ट है कि इसमें समस्या है। क्या मैं सोचता हूं कि वहां संस्थागत नस्लवाद होता था? मेरी राय में यह तब शिखर पर थी। यह पहले से कहीं ज्यादा बदतर थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि क्लब संस्थागत नस्लवादी है और मुझे नहीं लगता कि वे इस तथ्य को स्वीकारने के लिये तैयार हैं या फिर इसमें बदलाव के इच्छुक हैं।’’     क्लब के बोर्ड के एक सदस्य ने रफीक से बात की और इस मामले में रिपोर्ट दायर की जायेगी। रफीक ने कहा, ‘‘किसी ने मुझे एक हफ्ते पहले फोन किया। यह पहले ही स्पष्ट कर दिया गया कि हमारे बीच की बातचीत दोस्त की तरह है और यह अधिकारिक वार्ता नहीं है। अब ऐसा लगता है कि यह दिखाने का प्रयास था कि वे कुछ कर रहे हैं। ईमानदारी से कहूं तो मैं काफी गुमराह महसूस कर रहा हूं।’’     रफीक ने कुछ वाकयों का भी जिक्र किया जिसमें क्लब नस्लवादी बर्ताव के खिलाफ कोई कदम उठाने में नाकाम रहा। उन्होंने यह भी दावा किया कि यार्कशर ने उनके मृत पैदा हुए बेटे की मौत का हवाला देते हुए उन्हें क्लब से रिलीज कर दिया।     उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने (मृत पैदा हुए) बेटे को अस्पताल से सीधा अंतिम संस्कार के लिये ले गया। यार्कशर ने मुझे कहा कि वे पेशेवर और व्यक्तिगत तौर पर मेरी देखभाल करेंगे। लेकिन मुझे सिर्फ एक छोटा सा ईमेल मिला। मुझे कहा गया कि मुझे रिलीज कर दिया गया है। मुझे लगता है कि इसे सचमुच मेरे खिलाफ लिया गया। यह जिस तरह से किया गया, वह भयावह है।’'

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