मोहम्मद शमी का खुलासा, '2015 का पूरा वर्ल्ड कप टूटे घुटने के साथ खेला', बताया धोनी ने कैसे की थी 'मदद'

Mohammad Shami: टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने खुलासा किया है कि वह 2015 का पूरा वर्ल्ड कप टूटे हुए घुटने के साथ खेले थे, बताया धोनी ने की थी कौन सी मदद

By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 16, 2020 11:29 AM2020-04-16T11:29:00+5:302020-04-16T11:29:00+5:30

I Played entire 2015 World Cup with fractured knee: reveals Mohammad Shami | मोहम्मद शमी का खुलासा, '2015 का पूरा वर्ल्ड कप टूटे घुटने के साथ खेला', बताया धोनी ने कैसे की थी 'मदद'

शमी ने कहा कि वह चोट के बावजूद धोनी के भरोसे की वजह से 2015 वर्ल्ड कप खेल सके

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Highlightsघुटना पहले ही मैच में टूट गया था, मेरी जांघें और घुटने एक ही आकार के थे: शमीकुछ लोगों ने कहा था कि मेरा करियर खत्म हो गया है, लेकिन मैं अब भी यहां हूं: शमी

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने खुलासा किया है कि वह 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में टूटे हुए घुटने के साथ खेले थे।

आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, 'शमी ने कहा, 2015 वर्ल्ड कप के दौरान मेरे घुटनों में चोट थी। मैचों के बाच मैं चल भी नहीं पाता था और मैं पूरा टूर्नामेंट चोट के साथ खेला। मैं 2015 का वर्ल्ड कप नितिन पटेल के विश्वास की वजह से खेला।'

2015 वर्ल्ड कप के पहले मैच में ही मेरा घुटना टूट गया था: शमी

शमी ने बुधवार को पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान से इंस्टाग्राम पर एक लाइव सेशन के दौरान कहा, 'घुटना पहले ही मैच में टूट गया था। मेरी जांघें और घुटने एक ही आकार के थे, डॉक्टर रोज उनसे तरल पदार्थ निकालते थे। मैं तीन पेनकिलर लेता था।' 

शमी इस वर्ल्ड कप में सात मैचों में 17 विकेट के साथ उमेश यादव के बाद भारत के लिए दूसरे सर्वाधिक कामयाब गेंदबाज रहे। उमेश ने शमी से एक मैच ज्यादा खेलते हुए 18 विकेट झटके। 

शमी ने बताया कैसे धोनी ने की चोट के बावजूद खेलने में मदद

इस 29 वर्षीय गेंदबाज ने पूर्व कप्तान एमएस धोनी को भी पूरे टूर्नामेंट के दौरान दर्द के बावजूद खेलने के लिए प्रेरित करने का श्रेय दिया, खासतौर पर सिडनी में खेले गए सेमीफाइनल में जहां, टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया से हार गई।

329 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 223 रन पर सिमट गई और वर्ल्ड कप से बाहर हो गई थी।

शमी ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से पहले मैंने टीम से कहा था कि मैं अब और दर्द नहीं सह सकता।'

उन्होंने कहा, 'माही भाई और मैनेजमेंट ने मुझ पर भरोसा जताया और उन्होंने मेरी योग्यताओं पर सच में यकीन जताया।'

शमी ने कहा, 'मैं मैच खेला और अपने पहले स्पैल में केवल 13 रन दिए। इसके बाद मैं मैदान के बाहर चला गया और माही भाई से कहा कि मैं और गेंदबाजी नहीं कर सकता। लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि वह पार्ट टाइम गेंदबाजों से गेंदबाजी नहीं करा सकते और मुझसे 60 से ज्यादा रन नहीं देने को कहा। मैं ऐसी परिस्थिति में कभी नहीं रहा हूं, कुछ लोगों ने कहा था कि मेरा करियर खत्म हो गया है, लेकिन मैं अब भी यहां हूं।' 

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