गांगुली ने कैसे सहवाग को ओपनिंग के लिए किया था राजी, 20 साल बाद हुआ खुलासा

वीरेंद्र सहवाग ने 1 अप्रैल 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था।

By सुमित राय | Published: October 28, 2019 11:14 AM2019-10-28T11:14:38+5:302019-10-28T11:14:38+5:30

How Sourav Ganguly convinced Virender Sehwag to open in Indian Team | गांगुली ने कैसे सहवाग को ओपनिंग के लिए किया था राजी, 20 साल बाद हुआ खुलासा

वीरेंद्र सहवाग ने 1 अप्रैल 1999 को इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था।

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Highlightsक्या आपको पता है कि गांगुली ने किस तरह सहवाग को ओपनिंग के लिए राजी किया था।इस बात का खुलासा खुद वीरेंद्र सहवाग ने डेब्यू के 20 साल बाद किया है।

भारतीय क्रिकेट टीम की ओर से ओपनिंग करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने कई धमाकेदार पारियां खेली है और कई मौकों पर टीम इंडिया को जीत दिलाई है। लेकिन क्या आपको पता है कि मौजूदा कप्तान सौरव गांगुली ने किस तरह सहवाग को ओपनिंग के लिए राजी किया था। इस बात का खुलासा खुद वीरेंद्र सहवाग ने डेब्यू के 20 साल बाद किया है।

वीरेंद्र सहवाग ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने कॉलम में कहा, 'मेरे भारतीय टीम में ओपनर की भूमिका में खेलने में दादा का बहुत बड़ा योगदान था। जब उन्होंने मुझे ओपनिंग के लिए कहा तो मेरा सिंपल रिएक्शन था कि आप क्यों नहीं ओपनिंग करते, जबकि आपने पहले किया है। यहां तक की सचिन भी ओपनिंग करते हैं।'

सहवाग ने बताया है, 'दादा ने मुझे समझाया कि ओपनिंग स्लॉट खाली है, इसलिए अगर मैं इस जगह पर खेलता हूं तो टीम में जगह पक्की हो जाएगी।' सहवाग ने आगे बताया है कि मै मिडल ऑर्डर में ही चिपके रहना चाहता था, लेकिन उन्होंने (सौरव) ने मुझे समझाया कि मिडल ऑर्डर में खेलने के लिए मुझे किसी के चोटिल होने का इंतजार करना होगा।

ओपनिंग के लिए सहवाग को सौरव गांगुली के उस सुझाव ने प्रेरित किया, जिसमें उन्होंने ओपनिंग के अलावा मिडल ऑर्डर में भी मौके देने की बात की। सहवाग बताते हैं कि दादा के उस बात पर मैं ओपनिंग के लिए आश्वत हुआ जब उन्होंने मुझे व्यवहारिक सुझाव दिया। उन्होंने कहा था, 'मैं आपको एक सलामी बल्लेबाज के रूप में तान से चार पारियां दूंगा, यदि आप असफल होते हैं तो भी आप खेलना जारी रखेंगे। और इससे पहले की मैं आपको टीम से बाहर करूं, मैं आपको मिडल ऑर्डर में फिर से मौका दूंगा।'

इसके साथ ही सहवाग ने अपने कॉलम में इस तथ्य को स्वीकार किया है कि एक क्रिकेटर के रूप में उनका परिवर्तन और एक क्रिकेटर के रूप में मिली सारी सफलता इसलिए थी, क्योंकि गांगुली ने उनका समर्थन किया था। सहवाग का मानना है कि यह विशेषता नए बीसीसीआई प्रमुख के साथ अच्छी तरह से बैठेगी।

बता दे कि वीरेंद्र सहवाग ने 1 अप्रैल 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने अपने करियर में खेले 251 वनडे मैचों में 35.05 की औसत से 8273 रन बनाए थे, जबकि 104 टेस्ट मैचों में 49.34 की औसत से उनके नाम 8586 रन दर्ज है।

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